भले ही प्रदेश में लॉटरी बंद हुए बरसों बीत गए लेकिन जालसाजों ने इसका तोड़ निकाल लिया। वे आगरा सुल्तानपुर इलाहाबाद समेत तमाम जिलों में सेंटर खोलकर ऑनलाइन टिकट बेचते और हर घंटे दो वेबसाइट पर रिजल्ट निकाला जाता था। गोरखधंधे की भनक लगने पर यूपी एसटीएफ ने जांच शुरू की और मास्टरमाइंड समेत धंधे से जुड़े 17 लोगों को दबोच लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 6 लैपटॉप 5 लॉटरी के टिकट निकालने वाली मशीन तीन एलईडी 23 मोबाइल फोन व 90 हजार रुपये नकद बरामद किये हैं।

अलग-अलग श्रेणी के टिकट
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, बीते कुछ समय से सूचना मिल रही थी एक गैंग आगरा, सुल्तानपुर व इलाहाबाद में ऑनलाइन लॉटरी का गोरखधंधा संचालित कर रहा है। यह भी पता चला कि जालसाज इन जिलों में सेंटर खोलकर तीन श्रेणियों सिल्वर, गोल्डन और डायमंड नाम से लॉटरी के टिकट बेचते हैं और हर घंटे एक वेबसाइट पर रिजल्ट आता है। इस सूचना पर एएसपी त्रिवेणी सिंह और उनकी टीम को जांच में जुटाया गया। जांच में पता चला कि जिस  वेबसाइट पर रिजल्ट आता है वो फर्जी नाम-पतों पर विदेशी सर्वर पर होस्ट हैं। इस वेबसाइट पर सुबह 10 से शाम 7 बजे तक हर घंटे रिजल्ट आता है। टीम ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि यह गोरखधंधा आगरा से संचालित किया जा रहा है।

कई जिलों में खोल रखे हैं सेंटर
एएसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि सरगना संजय जायसवाल ने आगरा, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, ग्वालियर, भोपाल, हल्द्वानी, हरिद्वार में सेंटर खोल रखे थे।जहां डायमंड, गोल्डेन और सिल्वर कैटेगरी के टिकट बेचे जाते थे।रिजस्ट हर घंटे पर निकाला जाता था।जो 0 से 9 नंबर के बीच होता था।इन सेंटर्स पर टिकट प्रिंट करने वाली मशीन लगा रखी थी।सिल्वर का टिकट 12 रुपये बेचा जाता था।इसमें नंबर निकलने पर 100 रुपये मिलते थे।जबकि, गोल्डेन श्रेणी का टिकट 55 रुपये व नंबर निकलने पर 500 रुपये मिलते थे।डायमंड श्रेणी का टिकट 110 रुपये में बेचते थे और नंबर निकलने पर टिकट खरीदने वाले को 1100 रुपये का इनाम मिलता था.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari