- कैग की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

- ओपीडी बढ़ी लेकिन मरीज कम हुए भर्ती

बरेली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की बीते दिनों आई रिपोर्ट स्वास्थ्य सेवाओं में खामियां दिखा रही है। जिले में भी स्वास्थ्य सेवाओं का यही हाल है। जिला अस्पताल में मरीजों का भार पिछले साल की अपेक्षा कही अधिक बढ़ा है। उस अनुपात में संसाधनों में अब तक वृद्धि नहीं हुई है। संसाधनों का अभाव ही रहा कि ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने वाले मरीज तो साल भर में ज्यादा रहे, लेकिन भर्ती होने वालों की संख्या कम हो गई। वहीं, डॉक्टरों व फार्मासिस्ट की संख्या में भी इस साल कमी आई। इससे साफ है कि मरीजों की सुविधाएं बढ़ाने का दावा करने वाली सरकार मरीजों को इलाज नहीं दे पा रही।

ओपीडी में तीस हजार बढ़े मरीज, भर्ती घटे

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में वर्ष 2018 में करीब 5.68 लाख मरीजों ने आकर डॉक्टर को दिखाया। इस बार अब तक करीब 5.66 लाख मरीज ओपीडी में पहुंच चुके हैं। ओपीडी में मरीज बढ़े लेकिन भर्ती मरीजों की संख्या कम हुई। पिछले साल जहां 32 हजार से अधिक मरीज साल भर में भर्ती हुए, इस साल करीब तीस हजार ही भर्ती हुए हैं। संसाधनों के अभाव में इलाज के लिए मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ।

साल भर में संसाधनों में नहीं हुई वृद्धि

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एक साल में संसाधनों की वृद्धि नाम मात्र को हुई। पूरे साल संसाधनों के नाम पर सिर्फ एक डिजिटल एक्स-रे मशीन ही अस्पताल में आई। पोर्टेबल मशीन होने के कारण इससे भर्ती मरीजों के एक्स-रे में आसानी हुई। पूरे साल में अस्पताल में आइसीयू शुरू नहीं हो पाया। ई-रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की ओर भी मरीजों का रुझान कम ही रहा है।

18 में से रह गए 11 फार्मासिस्ट

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कुछ समय पहले तक 18 फार्मासिस्ट की तैनाती थी। इससे दवाखाना, एआरवी कक्ष, इंजेक्शन कक्ष, इमरजेंसी समेत अन्य कार्यो को आसानी से किया जा रहा था। बीते दिनों सात फार्मासिस्ट का तबादला हो गया। उनके तबादलों के बाद 11 फार्मासिस्ट ही अस्पताल में बचे हैं। ऐसे में दवाखाना में सबसे अधिक समस्या हो रही है।

न्यूरो फिजिशियन व कार्डियोलॉजिस्ट नहीं

ठंड का मौसम शुरू होते ही दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दिल की बीमारी के मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें देखने के लिए वहां कोई कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं है। मार्च 2016 में कार्डियोलॉजिस्ट के सेवानिवृत्त होने के बाद से अस्पताल में दिल के डॉक्टर नहीं आए हैं। वहीं, ठंड के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मरीज भी बढ़ने लगे हैं।

Posted By: Inextlive