भारत के कुछ तबकों की ओर से ‘पाकिस्तान चले जाओ’ का जुमला उछाला जाना आम बात हो गई है।


इसी तरह पूर्वोत्तर भारत, खासकर पश्चिम बंगाल और असम में ‘बांग्लादेश चले जाओ’ का जुमला आम है।'चले जाओ' का मतलब होता है कि उस इंसान को पाकिस्तान या बांग्लादेश भेज दिया जाना चाहिए।लेकिन दिलचस्प है कि नेपाल, भूटान या उससे भी ख़तरनाक़ अफ़गानिस्तान में भेजने की बात नहीं होती।सुदूर कहीं जाने का मौका किसी के लिए भी खुशी का कारण हो सकता है, लेकिन भारत में यह एक ‘गाली’ की तरह इस्तेमाल होता है।आम तौर पर ये शब्द उनके लिए इस्तेमाल होता है जिसे भारत के प्रति पूरा वफ़ादार नहीं माना जाता या भारत के मुक़ाबले उसे पाकिस्तान या बांग्लादेश का हमदर्द माना जाता है।कोई कहां रहे, यह उस जगह से जुड़े कई पहलुओं पर निर्भर करता है।इसीलिए, पाकिस्तान या भारत या बांग्लादेश में रहना एक जैसा अनुभव नहीं है।
जब भी पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाने की बात कही जाती है तो यह मानकर चला जाता है कि भारत 'बेहतर' है और जिसे कहा गया है वो उन्हीं ‘बदतर’ जगहों पर भेजे जाने के लायक है।लेकिन भारत के मुक़ाबले पाकिस्तान या बांग्लादेश कैसा है?

Posted By: Satyendra Kumar Singh