भारत के दिग्गज हाॅकी प्लेयर रहे बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर पाकिस्तान में भी शोक की लहर है। पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ियों और हाॅकी फेडरेशन ने बलबीर सिंह सीनियर को श्रद्घांजलि दी।

कराची (पीटीआई)। भारतीय दिग्गज हाॅकी प्लेयर रहे बलबीर सिंह सीनियर की मौत ने पाकिस्तान हॉकी समुदाय को भी शोक में डाल दिश। पाकिस्तान ने बलबीर सिंह के निधन को सामान्य रूप से खेल और विशेष रूप से उपमहाद्वीप के लिए बड़ा नुकसान बताया। तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण-पदक विजेता 96 वर्षीय बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को मोहाली में निधन हो गया। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान समीउल्लाह ने कहा, "उनके खेल में अद्भुत लचीलापन, गति और निष्ठा थी। उनके स्प्रिंट्स देखना काफी अच्छा लगता था।" बता दें पाकिस्तान के समीउल्लाह को उनकी फुर्ती और तेजी के लिए "द फ्लाइंग हॉर्स" कहा जाता था। वह कहते हैं, 'हॉकी ने एक बड़ा नाम खो दिया है क्योंकि बलबीर सिंह वह थे जिन्होंने 1948, 1952 और 1956 के ओलंपिक में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते थे।"

पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन ने शोक व्यक्त किया

पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन के महासचिव आसिफ बाजवा ने भी सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह महानतम व्यक्तियों में से एक थे। बाजवा ने कहा, "कभी उन्हें खेलते हुए नहीं देखा, लेकिन हमने अपने सीनियर्स से उनके बारे में इतना सुना है कि यह स्पष्ट है कि वह एक स्ट्राइकर थे।" पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कोच, हसन सरदार, जो एक उत्कृष्ट खिलाड़ी रहे हैं, ने कहा कि उन्होंने सिंह के बारे में कहानियाँ और किस्से सुनकर बहुत प्रेरणा ली।

बलबीर सिंह के किस्से फेमस हैं पाकिस्तान में

पाकिस्तान की हॉकी के बड़े नामों में से एक, इस्लाहुद्दीन सिद्दीकी ने सिंह को कई बार 70 के दशक में और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में 80 के दशक में याद किया। सिद्दीकी कहते हैं, 'वह बहुत विनम्र और विनम्र व्यक्ति था और उसे खेल का बहुत ज्ञान था। यदि आप उससे संपर्क करते तो वह अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार था।" बता दें बलबीर सिंह 1975 में भारतीय टीम के प्रबंधक थे तक भारत ने विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। इसके बावजूद पाकिस्तान में बलबीर सिंह को काफी सम्मान मिलता था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari