- उलेमाओं ने मुस्लिम उत्पीड़न के मामले में सरकार को चेताया

- नर्सिग होम और निजी शैक्षिक संस्थानों पर नकेल कसने की अपील

Meerut : शाही ईदगाह समेत शहर की तमाम मस्जिदों में सोमवार की खुशनुमा सुबह ईद उल फितर की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने मीठी ईद की एक दूसरे को मुबारकबाद दी। शाही ईदगाह में उलेमाओं ने तकरीर करते हुए देश और शहर के सूरतेहाल पर प्रकाश डाला। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को मुसलमान समुदाय पर बढ़ रहे जुल्म मामलों को लेकर चेताया गया। कहा, इससे मुल्क अशांति और बर्बादी के रास्ते पर चला जाएगा।

नौजवान खुद में सुधार लाएं

शाही ईदगाह में सुबह 7.50 बजे ईद की नमाज अदा करने के बाद हाजी नूर ने ईदगाह की तारीख बयान करते हुए भूतपूर्व मुतवल्ली सैय्यद असिम अली सब्जवारी एडवोकेट के योगदान की चर्चा की। कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने तकरीर आरंभ की। उन्होंने कहा कि कौम के युवा समझने को तैयार नहीं हैं। एक-एक बाइक पर तीन-तीन, चार-चार लोग सवार हो तेज रफ्तार से जा रहे हैं। न ही अपनी जान की फिक्र है, न ही दूसरों की।

कार्रवाई करे सरकार

कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि प्राइवेट नर्सिग होम कत्लगाह बन गए हैं, जिनका चिकित्सा के पेशे से कोई ताल्लुक नहीं है। वह नर्सिग होम बना कर चिकित्सकों को ठेके पर दे रहे हैं। चिकित्सक एक विजिट के हजारों रुपए ऐंठ रहे हैं, जांच के नाम पर कमीशन अलग से ले रहे हैं। इसी तरह निजी शैक्षिक संस्थानों को कमाई का अड्डा बन गए हैं लोग अपने बच्चों को अच्छी तालीम देने चाहते हैं लेकिन स्कूलों में इतनी रकम वसूली जा रही है कि वहां पढ़ाना आम आदमी के बूते के बाहर है। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार इन दोनों नकेल कसने पर कोई तवज्जो नहीं दे रही।

शरीयत से हो रहा खिलवाड़

शहरकाजी प्रो। जैनुस साजिद्दीन ने कहा कि मौजूदा समय मुसलमानों के लिए मुश्किल भरा है। जान बूझकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है शरीयत से खिलवाड़ करने की साजिश हो रही है। कहा कि इस तरह की घटनाएं मुल्क में जहर घोलेंगी और बर्बादी के रास्ते पर ले जाएंगी। उन्होंने मोबाइल फोन को युवाओं को गलत दिशा में ले जाने वाला बताया और सोशल मीडिया में मुसलमानों की गलत छवि दिखाने की आलोचना की।

Posted By: Inextlive