गुलाबी गेंद और लाल गेंद में कोई फर्क नहीं है। ऐसा कहना है भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्‍लेबाज और दिलीप ट्रॉफी में भारत ब्‍लू के कप्‍तान गौतम गंभीर का। दरअसल दिलीप ट्रॉफी में बीसीसीआई की ओर से डे-नाइट टेस्‍ट क्रिकेट के लिए भारतीय खिलाड़ियों को तैयार करने की जद्दोजहद जोरों पर है। इस टूर्नामेंट की खास बात ये है कि यहां गुलाबी गेंदों का इस्‍तेमाल हो रहा है। वहीं ये भी जानना जरूरी होगा कि पहली बार दिलीप ट्रॉफी को दूधिया रोशनी में खेला जाने वाला है।


ऐसा बोले गौतम बीसीसीआई के इस तरह के प्रयोग पर क्रिकेट जगत और क्रिकेट के फैन्स की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं सुनने को मिल रही हैं। वहीं इसको लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के क्रिकेटर गौतम गंभीर का कहना है कि गुलाबी गेंद और लाल गेंद में कोई फर्क नहीं है। एक वेबसाइट से बात करते हुए गौतम कहते हैं कि क्रिकेटर्स को एक बात अच्छी तरह से समझ लेनी होगी कि गेंद का सिर्फ रंग ही बदला है और कुछ नहीं। उनका कहना है कि ये ठीक वैसे ही बर्ताव करती है कि जैसे एक कूकाबुरा गेंद करती है।'लोगों को है गलतफहमी'
उन्होंने आगे कहा कि ये गेंद भी ठीक वैसे ही व्यवहार करती है जैसे सफेद या लाल रंग की गेंद करती है। लोगों को सिर्फ चर्चा करने के लिए कुछ चाहिए, इसलिए उनके बीच ये एक गंभीर विषय बनी हुई है। कोई कहता है कि ये बहुत स्विंग होती है और कुछ कहते हैं कि इससे स्पिनर को पढ़ पाने में आपको दिक्कत होती है। इस तरह की और न जाने कितनी बातें सुनने को मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना ही कहेंगे कि लोग उसके बारे में जितना ज्यादा सोचेंगे, उतना ही खेल को मुश्किल बना देंगे। सिर्फ यही नहीं इसके आगे उन्होंने ये भी जोड़ा कि दिन की रोशनी में तो ये गेंद लाल गेंद से भी ज्यादा बेहतर नजर आती है। इसका कारण ये है कि क्योंकि ये चमकदार है।  गौतम के लिए है मुश्किल गौतम ने बताया कि अब तक वह दो मैच गुलाबी गेंद से खेल चुके हैं। उन दोनों ही खेलों में उनको किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। गौतम गंभीर ने अब तक तीन पारियों में 77, 90 और 59 रन बनाए हैं। इसके साथ ही टीम इंडिया में एक बार फिर से गंभीर अपनी वापसी की दावेदारी को पेश कर रहे हैं। इसके बावजूद शिखर धवन, मुरली विजय और के एल राहुल के आने के बाद इस बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए वापसी थोड़ी मुश्किल जान पड़ रही है।Cricket Newsinextlive fromCricket News Desk 

Posted By: Ruchi D Sharma