कोई चोरी की डिग्री लाता है तो कोई साहित्य की चोरी करता है। आजकल भारत की राजनीति में किस्म किस्म के चोर नजर आने लगे हैं। आप के कानून मंत्री की फर्जी डिग्री के बाद अब कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक समाचार पत्र से पूरा लेख ही चोरी कर लिया है।

वीरप्पा मोइली ने की है साहित्य में चोरी ये हम नहीं कह रहे एक प्रतिष्ठित समाचारपत्र कह रहा है वह भी बकायदा बयान छाप कर। एक वेब साइट द न्यूज मिनट की रिपोर्ट की माने तो मोइली ने एक आर्टिकल के कई हिस्से एक अखबार में छपे लेख से हूबहू चुरा लिए हैं।
मोइली पर यह आरोप लगने के बाद अंग्रेजी अखबार द हिन्दू ने अपनी वेबसाइट से उनका लेख हटा दिया है। "From welfare to paternalism"  नाम से मोइली का लेख इस अखबार में 11 जून को छपा था. इस लेख में जानकारी दी गयी थी कि किस तरह मोदी सरकार ने सोशल सेक्टर का बजट कम कर दिया है। समचार पत्र की वेबसाइट ने इस लेख को अपनी वेबसाइट से हटाने की जानकारी वेबसाइट पर भी शेयर की है। 

पता चला है कि मोइली का ये लेख इसी अखबार में 26 मई को छपे एक दूसरे लेखक के लेख के कई हिस्सोंप की नकल है। यह भी कहा गया है कि लेख के कई दूसरे वाक्य चोरी के ही हैं। मोइली की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है। जबकि समाचारपत्र ने जानकारी प्रकाशित करने के बाद मामले की आगे की जांच शुरू कर दी है।

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Posted By: Molly Seth