जानकारी है कि शीर्ष अमेरिकी मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों सीईओ ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद इन सीईओ ने कहा कि बीते साल सत्‍ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी ने कुछ अहम आर्थिक एवं प्रशासनिक सुधारों को अंजाम दिया है। इसके बावजूद अभी और भी सुधार होने की जरूरत है। बताते चलें कि नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे अमेरिकी दौरे की इस बार शुरुआत जेपी मोर्गन और ब्‍लैकस्‍टोन समेत यहां की शीर्ष 10 प्रख्‍यात कंपनियों में से आठ कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करके की।

ऐसी है जानकारी
इस मुलाकात के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने उन प्रयासों की जानकारी दी जो अवसंरचना सरीखे मुख्य क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाने के लिए बीते 15 माह में किए गए हैं। इसके अलावा इस मुलाकात के बाद कुछ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने बीते दिन कहा कि लगातार हो रहे सुधारों की प्रगति से वह पूरी तरह से संतुष्ट हैं। इस बाबत जेपी मोर्गन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स डिमोन कहते हैं कि सरकार की ओर से पहले ही कई तरह के सुधार कार्य किए गए हैं। ऐसे में अब अमेरिकी कंपनियों की ओर से ये मुख्य संदेश है कि आप जैसे भी, जो भी काम कर रहे हैं, उसे करते रहें। उनकी मुलाकात बेहद अच्छी रही, जिसमें सहयोग की भावना के साथ गहराई से रचनात्मक बातचीत भी हुई।
देख रहे हैं बदलावों को
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद न्यूयॉर्क स्टेट कॉमन रिटायरमेंट फंड की विकी फुलेर ने बताया कि उनका लक्ष्य इस बात को सुनिश्चित करना है कि वे उन प्रयासों के साथ पर्याप्त बदलावों को देख रहे हैं। ऐसा इसलिए भी ताकि उन्हें लगे कि उनकी अपनी पूंजी को निवेश किया जा सकता है। वे आगे भी इस बता को देखते रहेंगे और उसका इंतजार करेंगे।
फुलेर ने ऐसा दिया जवाब
फुलेर से ये पूछने पर कि क्या वह भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार से पूरी तरह से संतुष्ट हैं, इसपर उन्होंने बेहद सकारात्मक जवाब दिया कि हां, वह हैं संतुष्ट। उधर, ब्लैक स्टोन के सीईओ स्टीफन ए श्वार्जमेन ने कहा कि उन्हें ये लगता है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने देश में पहुंच में सुधार के लिए जो भी सुझाव दिए हैं, उन्हें पीएम ने खुले मन से सुना और स्वीकार किया है। इसके आगे भारत में अमेरिकी कंपनियां कैसा सुधार चाहती हैं, इस सवाल के जवाब में श्वार्जमेन कहते हैं कि इस प्रक्रिया में कई तरह के सुधार हैं, ताकि अमेरिकी कंपनियां वहां पर बेहतरीन कामों को अंजाम दे सकें।

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Posted By: Ruchi D Sharma