प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी राज्य कर्नाटक में कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए गुरुवार को कहा कि पिछली सरकारें राज्य के उत्तरी हिस्से के पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार थीं। कर्नाटक दौरे में पीएम मोदी ने कई बड़ी परियोजनाओं की साैगात दी।

यादगीर (आईएएनएस / एएनआई)। PM Narendra Modi Karnataka Visit : प्रधानमंत्री मोदी ने गुुरुवार को चुनावी राज्य कर्नाटक के यादगिरि में करीब 10,800 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित किया। इस दाैरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं। अब देश अगले 25 वर्षों के नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए पीएम ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र को बुनियादी ढांचा, पानी, सड़क और बिजली मुहैया कराने के बारे में सोचने तक की जहमत नहीं उठाई। वहीं भाजपा की सरकार कर्नाटक के उन जिलों में विकास और सुशासन लायी है, जिन्हें पिछली सरकारों ने पिछड़ा घोषित किया था। उत्तर कर्नाटक में जिस तरह से विकास हो रहा है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और टीम की सराहना की।

केवल वोट बैंक की राजनीति पर ध्यान
विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि पीएम ने कहा कि वे केवल वोट बैंक की राजनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं उनकी नजर सिर्फ जाति और धर्म के आधार पर वोटों पर है लेकिन हमारी प्राथमिकता वोट बैंक की राजनीति नहीं है। हमारी प्राथमिकता केवल विकास, विकास और विकास है। जब तक देश के हर जिले का विकास नहीं होगा, देश प्रगति नहीं करेगा। यादगीर देश के 100 आकांक्षी जिलों में शीर्ष 10 में से एक है। इसने बच्चों का 100 प्रतिशत टीकाकरण हासिल किया है, कुपोषण वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है, यादगीर जिले में 100 प्रतिशत ग्रामीण सड़कें जुड़ी हुई हैं। उत्तर कर्नाटक क्षेत्र 'दाल का कटोरा' है। इस क्षेत्र के किसानों ने देश को विदेशों से दाल के आयात को कम करने में मदद की है।

डबल इंजन सरकार का विकास पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र पर इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के लिए "दबाव" डाला है। कर्नाटक बड़ी मात्रा में रागी, ज्वार जैसी बाजरा की फसलें उगाता है और डबल इंजन सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजरा को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। उत्तर कर्नाटक क्षेत्र कनेक्टिविटी की चुनौती का सामना करता है। सूरत-चेन्नई आर्थिक गलियारा जो देश के दो सबसे बड़े बंदरगाहों को जोड़ता है, यादगीर और पूरे क्षेत्र को लाभान्वित करने वाला है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करेगी। भारत निवेश के लिए पसंदीदा है क्योंकि डबल इंजन सरकार विकास और बुनियादी ढांचे पर जोर दे रही है। कर्नाटक में निवेश बढ़ने की संभावना है।

Posted By: Chandramohan Mishra