पीएम नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में भले ही हिंदी में भाषण देते हों। लेकिन लिखते समय वह गुजराती भाषा का ही इस्‍तेमाल करते हैं। उन्‍हें गुजराती भाषा से काफी लगाव है। कोई भी जरूरी बात लिखनी या समझानी हो पीएम मोदी अक्‍सर गुजराती भाषा में ही लिखते हैं। आइए जानें क्‍या है इसकी वजह....


गुजराती भाषा में मोदी बनाते हैं नोट्सवाराणसी सीट से लोकसभा सदस्य पीएम मोदी मूलरूप से गुजरात के हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने लगभग हर राज्य का दौरा किया है, और अलग-अलग संस्कृतियो को जाना और समझा। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा लगाव अपने गुजरात से है, वह उनका जन्मस्थान है। बचपन से गुजराती भाषा बोलने और पढ़ने वाले पीएम मोदी ऑफिस में भी इसी भाषा में लिखते हैं। मोदी जब भी किसी जरूरी मीटिंग में होते हैं तो वह जरूरी प्वॉइंट्स को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में नहीं बल्कि गुजराती भाषा में लिखते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत हो या देर रात तक मंत्रिमंडल सदस्यों से मीटिंग्स करना हो। ऐसे मौके पर पीएम अमूमन अपनी गुजराती भाषा में ही लिखना-पढ़ना पसंद करते हैं। यह है असल वजह
पीएम मोदी गुजराती में इसलिए लिखते हैं, ताकि उनका लिखा हुआ कोई और न पढ़ सके। रोजाना 18 घंटे काम करने वाले पीएम मोदी का अधिकतर समय मीटिंग्स में गुजर जाता है। इस दौरान कुछ जरूरी बातें वो नोट कर लेते हैं और इसे गुजराती भाषा में लिखते हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari