- महानगर में एक करोड़ की टप्पेबाजी का मामला

- चार टीमें तलाश रही हैं टप्पेबाज

- सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर और कस्टोडियन पुलिस की कस्टडी में

LUCKNOW : महानगर स्थित बैंक ऑफ इंडिया में गुरुवार को हुई एक करोड़ की टप्पेबाजी में पुलिस अब भी खाली हाथ है। गार्ड और कस्टोडियन से पूछताछ दूसरे दिन भी जारी है। घटना के खुलासे के लिए चार टीमें बनायी गयी हैं जिसमें तीन टीमों को शहर के बाहर भेजा गया है। फिलहाल अभी पुलिस को कोई इनपुट नहीं मिला है। वहीं पुलिस का शक ड्राइवर सुनील अग्रवाल और सिक्योरिटी गार्ड केदारनाथ पर अधिक है। क्योंकि घटना इन्हीं दोनों की मौजूदगी में हुई। कस्टोडियन दीपांशु और दूसरा गार्ड इंद्र सिंह राणा बैंक के अंदर थे।

घटना के खुलासे की चुनौती

एक करोड़ रुपये की टप्पेबाजी की घटना पुलिस के लिए सिरदर्द बन गयी है। हालांकि करेंसी पुरानी है और वह बदमाशों के शायद ही किसी काम आ सके, लेकिन घटना का खुलासा ना होने पर या गलत खुलासे पर बदमाश इसका लाभ लेकर दूसरी घटना को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में घटना का सही खुलासा पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहा है। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच, लोकल पुलिस और एसपीटीजी की टीम लगायी गयी है। साथ ही एसटीएफ का भी सपोर्ट लिया जा रहा है।

किसी काम की नहीं करेंसी

बदमाशों को भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं था, जिसके लिए वह इतना बड़ा रिस्क ले रहे हैं, उसमें पुरानी करेंसी निकलेगी। पुलिस अफसरों का कहना है कि पुरानी करेंसी होने की वजह से बदमाशों के पकड़े जाने की संभावना अधिक है, क्योंकि इतने हैवी एमाउंट को एक्सचेंज कराना या फिर 50 लोगों के एकाउंट में जमा कराना आसान नहीं होगा। एसपी ट्रांसगोमती दुर्गेश बताते हैं कि जिन टीमों को लगाया गया था, शाम तक उनसे फालोअप लिया जाएगा। हिरासत में लिये गये गार्ड और कस्टोडियन से भी पूछताछ अभी चल रही है।

खंगाली जा रही सीसीटीवी

इस मामले में पुलिस ने पांच सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इनकी बारीकी से जांच की जा रही है। फिलहाल ऐसा कोई इनपुट नहीं मिला है, जिसपर भरोसे कहा जा सके कि कितने बदमाश थे और किस तरफ गये हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों से घटना के समय के फुटेज निकाले गये हैं। अधिकारियों का कहना है कि पड़ताल कई पहलुओं पर हो रही है। इसमें दूसरे प्रदेशों में इस तरह का क्राइम करने वाले बदमाशों की भी पड़ताल की जा रही है।

Posted By: Inextlive