सेलेक्शन थ्रू रिजेक्शन थ्योरी ने बनाया पॉपुलर
PATNA: सेलेक्शन थ्रू रिजेक्शन यानी एक ऐसी थ्योरी जिसने बंसल क्लास को देश का पॉपुलर ब्रांड बना दिया। इसके फाउंडर बीके बंसल को कोटा को कोचिंग सेंटर का हब बनाने का श्रेय जाता है। उनका बनाया स्टडी मटेरियल आज भी आईआईटी जेईई प्रिपरेशन के लिए गुरुमंत्र की तरह है। बंसल क्लासेज ब्रांच की ओपनिंग के मौके पर पटना आए बंसल क्लासेज के एकेडमिक डायरेक्टर ने अपने पिता बीके बंसल के बारे में कई बातें बताई। उन्होंने इस बातचीत के दौरान उनकी थ्योरी, कॉन्सेप्ट, सिद्धांतों और कोंिचग इंडस्ट्री की कई बारीकियों को समझाया।
ताकि सिर्फ योग्य स्टूडेंट्स ही दौड़ सके रेस में उन्होने बताया कि हमारे पिता कहते हैं कि चाहे कम लोगों को ही पढ़ाना पड़े लेकिन, योग्य स्टूडेंट्स को ही रेस के लिए तैयार करना चाहिए। बंसल क्लासेज में सबको एंट्रेंस देकर ही लिया जाता है। भविष्य होगा सुनहराएकबार जब वे उस क्राइटेरिया को पूरा करते हैं तो उनका आने वाला भविष्य सुनहरा हो जाता है। अगर कोई एंट्रेंस पास नहीं करता तो वह दोबारा पूरी तैयारी के साथ आता है। बीके बंसल के बारे में बताते हुए समीर ने कहा कि वे इस उम्र में भी 11 घंटे काम करते हैं। कुछ चुनिंदा स्टूडेंट्स के साथ वे अभी भी क्लास लेते हैं और मोटिवेशनल क्लासेज के जरिए स्टूडेंट्स का बीच- बीच में हौसला बढ़ाते रहते हैं।
टॉप 20 में कई छात्र बिहार के बिहार के स्टूडेंट्स की प्रतिभा के हम भी कायल हैं। वे इतने मेहनती होते हैं कि 10 हजार स्टूडेंट्स के बीत हमारी टॉप 10 रैंिकग में बिहार के 5-6 स्टूडेंट्स हमेशा रहते हैं। पटना में ऐसे ही मेहनती स्टूडेंट्स के लिए हमने अपना ब्रांच खोला है, ताकी उन्हें पढ़ाई के लिए कोटा जैसी सुविधा यहीं मिल जाए। BK Bansal’s advice To teacher study for At least 3 hours before facing students Find new ways of teaching Be sincere with your students Never miss your class To students Be careful about your health Be consistent in studies Never miss your class and revise everyday