नगर निगम के कुछ पार्षद लगातार कर रहे हैं प्रमोशनल सरचार्ज का विरोध

नगर आयुक्त बोले, दो लाख भवनों से नहीं वसूला जाएगा सेल्फ असेसमेंट न करने का जुर्माना

सरचार्ज और शास्ति अधिरोपित शुल्क पर भी बोले नगर आयुक्त

ALLAHABAD: नगर निगम के प्रस्तावित प्रमोशनल सरचार्ज और शास्ति अधिरोपित शुल्क पर पार्षदों के बढ़ते विरोध के बीच नगर आयुक्त ने गुरुवार को अपना स्टैंड क्लीयर किया। नगर आयुक्त देवेंद्र कुमार पांडेय ने प्रमोशनल सरचार्ज और शास्ति अधिरोपित शुल्क अगले वित्तीय वर्ष से लागू करने का दावा किया है। नगर आयुक्त का कहना है कि सरचार्ज को लेकर पार्षदों और लोगों के बीच में कुछ भ्रम है, जो क्लीयर करना जरूरी है। इसे उन्होंने मीडिया के सामने रखा और कहा कि इससे कॉमन मैन को कोई नुकसान नहीं होगा।

300 वर्ग मीटर में मकान पर ही लागू

नगर आयुक्त ने बताया कि प्रमोशनल सरचार्ज लागू किए जाने पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कहा जा रहा है कि सभी मकान मालिकों से सरचार्ज वसूला जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। प्रमोशनल सरचार्ज के दायरे में वही मकान आएंगे जो 300 वर्ग मीटर या फिर उससे अधिक के दायरे में होंगे और पिछले तीन-चार वर्ष के अंदर बनाए गए होंगे। उन मकानों में पार्किंग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रीनरी तीनों चीजों की व्यवस्था नहीं होगी। प्रमोशनल सरचार्ज वो भी अधिक नहीं बल्कि टोटल हाउस टैक्स का केवल दो प्रतिशत ही लिया जा रहा है। 300 वर्ग मीटर एरिया में बने ऐसे मकानों की संख्या पूरे शहर में एक हजार से भी कम है।

कॉमर्शियल बिल्डिंग्स से वसूला जा रहा है असेसमेंट शुल्क

नगर आयुक्त ने कहा कि प्रमोशनल सरचार्ज की तरह सेल्फ असेसमेंट न करने पर शास्ति अधिरोपित टैक्स को लेकर भी पार्षदों व लोगों में गलतफहमी है। इस टैक्स के दायरे में फिलहाल 18 हजार कॉमर्शियल बिल्डिंग्स ही आ रही हैं। इनका नगर निगम की ओर से हाल ही में पुनर्मूल्यांकन व नए तरीके से असेसमेंट कराया गया है। ये वो कॉमर्शियल बिल्डिंग हैं, जिनका कॉमर्शियल एरिया बढ़ा है या फिर निगम के रिकार्ड में कॉमर्शियल बिल्डिंग के रूप में दर्ज नहीं थे।

दो लाख मकानों से कोई शुल्क नहीं

शहर में अभी तक करीब दो लाख आवासीय भवन नगर निगम के रिकार्ड में दर्ज हैं। जिनका असेसमेंट किया जा चुका है। असेसमेंट के बाद ही रिकार्ड में नाम चढ़ता है। कहा जा रहा है कि दो लाख मकानों के मकान मालिकों से भी असेसमेंट न करने का शुल्क लिया जाएगा। ऐसा नहीं है। जिन मकानों का असेसमेंट हो चुका है। उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। नए मकानों का असेसमेंट करने पर ही टैक्स लेने की व्यवस्था है। क्योंकि कर निर्धारण के नियम में शासन ने 2013 से परिवर्तन कर दिया है। जिसके तहत प्रत्येक मकान व भूमि स्वामी द्वारा संपत्ति का विवरण देना आवश्यक है। विवरण गलत होने पर टैक्स का प्राविधान है।

सेल्फ असेसमेंट न करने पर ये है टैक्स का नियम

50 वर्ग मीटर तक के मकान पर-100 रुपया

200 वर्ग मीटर तक के मकान पर-1000 रुपया

400 वर्ग मीटर एरिया के मकान पर- 5000

400 वर्ग मीटर से अधिक एरिया वाले मकान पर -15000 रुपया

प्रमोशनल सरचार्ज के दायरे में आएंगे ये मकान

प्रमोशनल सरचार्ज उन्हीं मकानों से वसूला जाएगा जो 300 वर्ग मीटर या फिर उससे अधिक एरिया में बने हों

300 वर्ग मीटर से कम एरिया के मकान प्रमोशन सरचार्ज के दायरे से रहेंगे बाहर

वो मकान जो 2013 के बाद बनाए गए हों

वो मकान जो तीन वर्ष के अंतराल में बने हों और मकान में पार्किंग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रीनरी की व्यवस्था न हो

सेल्फ असेसमेंट टैक्स के दायरे में आएंगे केवल कॉमर्शियल बिल्डिंग

18 हजार कॉमर्शियल बिल्डिंगों का किया गया है असेसमेंट

जिनके लिए पांचों जोन में कैंप लगा कर दिया गया था सेल्फ असेसमेंट का मौका

दो लाख मकान प्रमोशनल सरचार्ज और सेल्फ असेसमेंट टैक्स से रहेंगे दूर

Posted By: Inextlive