माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को बेसिक के योग्यताधारक शिक्षकों से भरने की तैयारी

ALLAHABAD: सूबे के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहीं माध्यमिक स्कूलों में शहर व आसपास को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी है। इन कमियों को दूर करने के लिए विभाग ने नए विचार पर मंथन शुरू किया है। शिक्षा विभाग में इस बात पर मंथन चल रहा है कि हाल के दिनों में बेसिक स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक चयनित हुए हैं, जो माध्यमिक में जाने की योग्यता रखते हैं। सरकार की मंशा है कि माध्यमिक की कमी बेसिक से ही पूरी कर दी जाए। इसके लिए नियम बनाने पर मंथन चल रहा है, ताकि शिक्षकों को आपत्ति न हो। प्रमोशन की प्रक्रिया पर भी विभाग की ओर से विचार किया जा रहा है।

शिक्षक आयोग बनाने पर चर्चा

सूबे में नई सरकार शिक्षकों के चयन को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार नए विचारों पर कार्य कर रही है। इसी दिशा में शिक्षकों के चयन का एक आयोग बनाने की चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है। ताकि बेसिक, माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षक एक ही नियमावली के तहत चयनित हों। इस कदम से राजकीय और अशासकीय विद्यालयों में शिक्षक चयन का बना भेद भी मिटेगा। सूबे में अभी तक प्राथमिक विद्यालयों के लिए बेसिक शिक्षा परिषद, बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षकों का चयन होता है। ऐसे ही माध्यमिक स्तर पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक व उच्च शिक्षा में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र और लोकसेवा आयोग उप्र नियुक्तियां कर रहा है। अलग-अलग नियुक्तियां होने से एक स्तर पर चयनित शिक्षकों की अर्हता भी अलग-अलग हैं। मसलन, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड परीक्षा व साक्षात्कार के जरिये अशासकीय कालेजों के शिक्षकों का चयन करता था। वहीं, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक राजकीय इंटर कॉलेजों में मेरिट के आधार पर शिक्षक चयनित कर रहे थे।

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बेसिक शिक्षा सेवा चयन से बनायी दूरी

सरकार ने पहले प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक चयन के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बनाने की योजना बनाई थी लेकिन, बाद में इसी मंशा के तहत उससे किनारा कर लिया गया। सूबे के प्राथमिक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की बड़ी संख्या सामने आई है उससे वहां चयन की अभी जरूरत ही नहीं है। वहीं दूसरी ओर राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली में बदलाव करके माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक की अगुआई में कमेटी गठित की थी। 9फ्ब्ख् पदों पर मेरिट के आधार पर चयन के लिए आवेदन भी मांगे गए। नई सरकार ने यह भर्तियां लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय लिया है और भर्तियां माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को सौंपने की योजना है।

Posted By: Inextlive