- मुख्य सचिव के दौरे में दिए गए थे कई निर्देश

- अभी भी अधर में लटके हैं कई मामले, बीस दिन नहीं बीते कि प्रमुख सचिव दुग्ध विकास पहुंचे दौरे पर

ALLAHABAD: ये पब्लिक है, सब जानती है। लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार से सहमी यूपी गवर्नमेंट ने प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के लिए अब नया तरीका निकाला है। एयर कंडीशन चैंबर में बैठकर हवा खाने वाले मुख्य और प्रमुख सचिव को जिलों के दौरे करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को प्रमुख सचिव दुग्ध विकास एक बार फिर जिले के दौरे पर हैं। लेकिन, क्या यह तरीका कारगर साबित हो रहा है? लगातार दौरों से व्यवस्थाएं कितनी सुधरी हैं.आई नेक्स्ट ने इन दौरों की हकीकत जानने की कोशिश की.आइए जानते हैं इन दौरों की हकीकत-

हकीकत नंबर एक

दवाएं छोडि़ए, बिजली-पानी को तरसे मरीज

ख्क् जुलाई को मुख्य सचिव आलोक रंजन तकरीबन आधा दर्जन प्रमुख सचिवों के साथ जिले में मौजूद थे। इस दौरान प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने एसआरएन हॉस्पिटल का दौरा किया था। उन्होंने मरीजों को इलाज के लिए दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए थे। इसके उलट दवाएं तो नहीं मिली, पिछले तीन दिनों से बिजली कटौती के चलते मरीज उमस और गर्मी में एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं। हॉस्पिटल के पास अपना बोर नहीं होने से बिजली नहीं रहने पर पानी की सप्लाई बंद हो जाती है।

हकीकत नंबर दो

प्रमुख सचिव का आदेश भी दरकिनार

इसी दौरे में आए प्रमुख सचिव नगर विकास ने शहर में गंदगी के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कूड़ा उठाने का आदेश एडब्ल्यूपी को दिया था। उनके जाने के बाद यह आदेश डिब्बा बंद हो गया। मेयर अभिलाषा गुप्ता के विरोध के चलते एडब्ल्यूपी और नगर निगम के बीच फंसा पैसे के पेमेंट के मामले का निस्तारण नहीं हुआ और शहर के कई इलाकों में गंदगी के चलते लोगों का जीना दूभर है। एडब्ल्यूपी के काम बंद कर देने के बाद शहर के डंपिंग ग्राउंड का कूड़ा सड़क पर तैर रहा है।

हकीकत नंबर तीन

आए, देखा और चलते बने

जहां एक ओर बाढ़ का खतरा एक बार फिर सिर पर मंडरा रहा है तो दूसरी और सलोरी एसटीपी का रिंग बांध अभी तक भ्0 फीसदी भी बनकर तैयार नहीं हो सका है। जिस तरह से गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, उससे अगर बाढ़ आई तो शहर के कई इलाके जलमग्न हो सकते हैं। गवर्नमेंट द्वारा साढ़े छह करोड़ दिए जाने के बाद भी इस बांध में टो वाल बनाने का काम तय समय में पूरा नहीं हो सका है। ठेकेदारों की मनमानी की शिकायत पर तीन अगस्त को प्रमुख सचिव सिचाई दौरे पर जरूर आए लेकिन महज चेतावनी देकर चलते बने। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारेां के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

हकीकत नंबर चार

प्रॉपर नहीं हो सकी क्0ख् एम्बुलेंस सेवा

अपने दौरे में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने खुद कहा था कि गवर्नमेंट ने प्रदेश में क्08 और क्0ख् एम्बुलेंस सेवा चलाकर पब्लिक को सौगात दी है। बावजूद इसके अभी तक गर्भवती महिलाओं के लिए चलाई जा रही क्0ख् एम्बुलेंस सेवा का जिले में प्रॉपर संचालन शुरू नहीं हो सका है। पहले तो उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाएं की ख्ख् एम्बुलेंस को मोडीफाइड कर क्0ख् सेवा में बदला गया। जिसमें कई महीने लग गए। अब बाराबंकी आरटीओ में इनका रजिस्ट्रेशन होने से संचालन में कई दिक्कतें आ रही हैं।

हकीकत नंबर पांच

कार्रवाई से भी नहीं डरते अधिकारी-कर्मचारी

गवर्नमेंट भले ही कह रही हो कि समाधान दिवस, तहसील दिवस के जरिए पब्लिक की समस्याओं की सुनवाई की जाए लेकिन उनके अधिकारी-कर्मचारी ही इन बैठकों में उपस्थित नहीं रहते हैं। जबकि, मुख्य सचिव ने शासकीय कार्यो में लापरवाही बरतने वाले 8 अधिकारियों का निलंबन और ख्फ् को प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी। इस कार्रवाई से भी अधिकारी-कर्मचारियों को डर नहीं लगता है। ताजा उदाहरण में पांच अगस्त को सोरांव तहसील दिवस में क्क् अधिकारी-कर्मचारी मौजूद नहीं थे। इससे नाराज डीएम पी गुरु प्रसाद ने सभी के वेतन रोकने के निर्देश दिए थे।

हकीकत नंबर छह

सीएम के कहने से क्या होता है, नहीं उठाएंगे फोन

सीएम अखिलेश यादव के बार-बार कहने के बावजूद सरकारी कार्यालयों में सुबह दस से बारह बजे के बीच जन सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक कि अधिकारी अपने निजी और सरकारी बेसिक फोन भी बंद रखते हैं। खुद डीएम पी गुरु प्रसाद ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने इसमें सुधार की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में इसका भौतिक सत्यापन किया जाएगा। उन्होंने दस अगस्त से पहले इस आदेश के अनुपालन के निर्देश दिए हैं।

घरेलू कनेक्शन के बगैर बेकार है सीवर लाइन

प्रमुख सचिव दुग्ध विकास अनंत कुमार सिंह ने संगम सभागार में फ्राइडे को विकास कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा घरेलू कनेक्शन नहीं दिए जाने से सीवर लाइन की कितनी उपयोगिता रह गई है। इसकी जांच खुद डीएम करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यो को गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित समय सीमा में करा लिया जाए। राजकीय निर्माण निगम द्वारा होम्योपैथिक कॉलेज फाफामऊ में कराए जा रहे भवन निर्माण एवं आवासों को फ्0 अक्टूबर तक पूरा किए जाने के निर्देश दिए। जिसकी गुणवत्ता की जांच पीडब्ल्यूडी व एडीएम के इंजीनियरों की टीम करेगी। राजकीय हाईस्कूलों के भवनों के निर्माण में हो रहे विलंब पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। बैठक में डीएम पी गुरु प्रसाद, सीडीओ अटल कुमार राय, एडीएम सिटी एसके शर्मा सहित अधिकारी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive