पत्रकारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा राजनीतिक विरोधियों की जासूसी के लिए इजराइज के एनएसओ ग्रुप की मिलिट्री ग्रेड मालवेयर का इस्तेमाल करने के सबूत मिले हैं। ग्लोबल मीडिया कंसोर्टियम द्वारा लीक किए गए डाटा की जांच में यह बात सामने आई है।


बोस्टन (एपी)। पेरिस की गैर लाभकारी पत्रकारिता फारबिडेन स्टोरीज, मानवाधिकार ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल तथा 16 समाचार संगठनों को मिले 50,000 सेलफोन की एक सूची की जांच की। जांच में पत्रकारों ने 50 देशों के 1000 से ज्यादा व्यक्तियों की पहचान करने में सफलता पाई है। कथित रूप से इन सबकी निगरानी के लिए एनएसओ के क्लाइंटों ने कहा होगा।कई राष्ट्र प्रमुखों की जासूसीकंसोर्टियम के सदस्यों में एक वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, जिन लोगों की जसूसी हो रही थी उनमें 189 पत्रकार, 600 से ज्यादा राजनीतिक तथा सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 बिजनेस एग्जीक्यूटिव, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा कुछ देशों के प्रमुख शामिल हैं। इस संगठन के लिए काम करने वाले पत्रकार एसोसिएटेड प्रेस, राॅयटर्स, सीएनएन, द वाॅल स्ट्रीट जरनल, ली मोंडे तथा द फाइनेंशियल टाइम्स से हैं।जमाल खशोगी की जासूसी भी
एमनेस्टी ने भी कहा है कि उसके फोरेंसिक रिसर्चरों का मानना है कि पूर्व पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के चार दिन पहले उनके फोन पर एनएसओ ग्रुप की प्रमुख पेगासस स्पाइवेयर इंस्टाॅल हुआ था। उनकी हत्या 2018 में इस्तांबुल की सऊदी काउंसलेट में की गई थी। कंपनी ने खशोगी की पहले भी जासूसी की थी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh