अब दिल्ली से पलवल के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को अब टिकट खरीदने के लिए टिकट काउंटर पर धक्कामुक्की करने की जरूरत नहीं है। वे स्मार्ट मोबाइल फोन पर 'यूटीएस ऑन मोबाइल' एप्लीकेशन डाउनलोड कर टिकट खरीद सकते हैं। जो यात्री ऑनलाइन टिकट नहीं खरीदना चाहते हैं उनके लिए 'कैश/स्मार्ट कार्ड ऑपरेटिड टिकट वेंडिंग मशीन सीओटीवीएम ' का विकल्प है। इस मशीन से यात्री स्मार्ट कार्ड का प्रयोग कर या फिर नकद भुगतान कर टिकट ले सकता है। यात्रियों की सुविधा के लिए यह योजना मंगलवार से शुरू हो गई है।


स्टेशन पर 6 सीओटीवीएमइसका उद्घाटन रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने रेल भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया। उन्होंने मालभाड़ा परिचालन निगरानी के लिए परिचालन एप का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर नई दिल्ली स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक तथा भूविज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने सीओटीवीएम से टिकट लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रेल मंत्री को जानकारी दी। नई दिल्ली स्टेशन पर छह सीओटीवीएम लगाए गए हैं। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक एके पूठिया, मुख्य वाणिज्य प्रबन्धक ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, दिल्ली के मंडल रेल प्रबन्धक अरुण अरोड़ा सहित अन्य रेल अधिकारी मौजूद थे।जिओ फेंसिंग की गई
फिलहाल यह सेवा 57 किलोमीटर लंबी दिल्ली-पलवल रेलखंड पर उपलब्ध होगी। इससे 11 स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा। जल्द ही अन्य रेलखंड पर भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। इस एप्लीकेशन का कोई दुरुपयोग नहीं कर सके, इसके लिए नई दिल्ली-पलवल रेलखंड के रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 20 मीटर तक के क्षेत्र की जिओ फेंसिंग की गई है। इस दायरे में ऑनलाइन अनारक्षित टिकट बुकिंग नहीं होगी। ऐसा यात्रा करने से पहले यात्रियों के पास टिकट सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।सूचना मोबाइल स्क्रीन पर


बुकिंग प्रक्रिया के दौरान यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए एप्लीकेशन में ऑन स्क्रीन अलर्ट की सुविधा उपलब्ध है। टिकट के लिए भुगतान एप में दिए गए फीचर रेलवे वॉलेट के माध्यम से होता है। टिकट बुक होने पर इसकी सूचना मोबाइल स्क्रीन पर मिल जाती है। इस टिकट के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।पेपरलेस यात्रा टिकट लेने पर एक घंटे के अंदर यात्रा शुरू करनी होगी। इस टिकट को रद नहीं किया जा सकता है।हर दिन नए रंग में होगा टिकट

पेपरलेस टिकट का दुरुपयोग नहीं हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। प्रतिदिन टिकट का रंग बदल जाएगा। रोजाना एक गुप्त कोड भी उपयोग में लाया जाएगा। इस टिकट को किसी अन्य मोबाइल पर फॉरवर्ड भी नहीं किया जा सकता है। इसका प्रिंट भी नहीं लिया जा सकता है यानी जिस मोबाइल पर एप डाउनलोड है, उसी से टिकट बुक कराकर उसे यात्रा के दौरान साथ रखना होगा। मोबाइल में पुराना टिकट खुद हट जाएगा।चेन्नई-एगमोर-तामबरम उपनगरीय स्टेशनों के बीच 22 अप्रैल से पश्चिम रेलवे के चर्चगेट-दहाणु स्टेशनों के बीच 8 जुलाई से यह सेवा शुरू की गई है। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इस समय रोजाना लगभग 16 सौ टिकट बुक हो रहे हैं।

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Posted By: Shweta Mishra