-मकान के लिए कर्ज लेकर डूडा को दिए 25 हजार रुपये, अब साहूकार कर रहा परेशान

-बीएसयूपी योजना के अंतर्गत मलिन बस्तियों में बनाए जाने थे सरकारी मकान

Meerut: कभी सोचा न था कि आशियाने की आस में सिर की तरपाल भी छिन जाएगी। शहर की मलिन बस्तियों में रह रहे गरीब से सरकार ने न सिर्फ छह साल पहले किया वायदा तोड़ दिया बल्कि उनकी गाढ़ी कमाई या जोड़तोड का ख्भ् हजार रुपये भी ले लिया। यहां हम जिक्र कर रहे है सरकार की बीएसयूपी योजना का। गरीब खुद को लुटा-पिटा महसूस कर रहा है और आंखें में आंसू लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।

पुराना मकान भी तोड़ा

योजना के चलते मलिन बस्तियों में जीवन बसर कर रहे लोगों ने कर्ज आदि उठाकर तो लाभार्थी अंशदान जमा कराया। उसके बाद जम मकान बनने की बारी आई तो निर्माण निगम के कांट्रेक्टर ने नया मकान बनाने के लिए पुराना मकान तोड़ डाला। उसके बाद दो-चार दीवार खड़ी कर कांट्रेक्टर ने निर्माण कार्य अधर में छोड़ दिया। परिणाम यह हुआ कि सरकारी के चक्कर में खुद का मकान गंवा बैठे गरीब आज फुटपाथ पर जीवन गुजारने को मजबूर हैं।

क्या कहते हैं लोग --

पिछले तीन सालों से मकान अधूरा पड़ा है। यदि मकान बनाना ही नहीं था तो पुराना मकान तोड़ने की क्या जरूरत थी। डूडा ने तो सड़क पर ला दिया।

-बृजेश, काशी

मकान बनाने के लिए डूडा वालों को ख्भ् हजार रुपए दिए थे, लेकिन आज तक मकान नहीं बनाया गया। कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

-साबिर, काशी

डूडा में जाकर जब मकान बनवाने की बात कहते हैं तो निर्माण निगम की जिम्मेदारी कहकर पल्ला झाड़ लेता है। निर्माण निगम के अधिकारी कभी नहीं मिलते।

-रामवीर, अब्दुल्लापुर

पिछले दो माह से निर्माण निगम के दफ्तर में ताला लगा मिलता है। कभी-कभी चपरासी मिलता है तो वह कहता है कि ऑफिस अब रूड़की चला गया है। ऐसे में क्या करें।

-नावेद, खड़ोली

डूडा वालों ने कह सुन कर आधा अधूरा मकान बना डाला। अभी तीन माह भी नहीं हुए की पूरे मकान में बड़ी-बड़ी दरार पड़ गई। सरकारी मकान से अपना कच्चा मकान ही बेहतर था।

-खालिद, अब्दुल्लापुर

मकान तो मिला नहीं ऊपर से कांट्रेक्टर ने चालिस हजार रुपए भी ले लिए। मकान बनवाने के लिए कर्ज उठाया था। अब मकान तो मिला नहीं कर्ज और उतारना पड़ रहा है।

-अन्नू, शेखपुरा

विभाग के ठेकेदार ने मकान तोड़ दिया। फिर बनाया नहीं। अब खाली प्लॉट में ही झौंपड़ी डाल ली है। कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

-सुदेश, शेखपुरा

ऑफीशियल स्टैंड

बीएसयूपी योजना का फंड रिलीज कर दिया गया है। अब तब निर्माण निगम को कार्य शुरू कर देना चाहिए था। जहां तक दफ्तर शिफ्ट करने वाली बात है तो इस संबंध में निर्माण निगम के एमडी से बात की जाएगी।

-आरपी सिंह

डायरेक्टर, सूडा लखनऊ

बीएसयूपी योजना आवास संबंधी कार्य धीमी गति से चल रहा है। कोई भी संस्था अधूरा कार्य छोड़ कर कहीं नहीं जा सकती। अधूरे कार्य के लिए निर्माण निगम को पत्र लिखा जाएगा।

-एसके दुबे

नगर आयुक्त

डूडा के मकानों की जांच कराई जा रही है। यदि कोई धांधली सामने आती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। दफ्तर पर ताला लगाने वाला मामला गंभीर है। उसकी जांच कराई जाएगी।

-पंकज यादव, डीएम मेरठ

Posted By: Inextlive