संजय लीला भंसाली की कंट्रोवर्सियल फिल्म रामलीला को लेकर फ्राइडे को भोपाल इंदौर और ग्वालियर में जमकर बवाल हुआ. फिल्म रिलीज तो हुई पर पोस्टर में नाम के प्लेस पर व्हाइट पेपर चिपका दिया गया.

इस बीच फर्स्ट डे करीब 20 करोड़ के बाक्स ऑफिस कलेक्शन के साथ फिल्म की ओपनिंग हुई. बजरंग दल के मेंबर्स ने कई सिनेमाहॉल्स  पर एजिटेशन किया और पोस्टर फाड़ डाले. उत्तर प्रदेश के एटा में भी हिंदू महासंघ ने पोस्टर जलाकर प्रोटेस्ट किया. गौरतलब है कि फिल्म की रिलीज से एक दिन पहले थर्सडे को एमपी हाई कोर्ट ने फिल्म के नाम से ‘रामलीला’ वर्ड हटाने का ऑर्डर दिया था. ज्यादातर सिनेमाहॉल्स में पोस्टर पर व्हाइट पेपर चिपकाने के बाद फिल्म को रिलेज किया गया. इसके बाद भी नाम पर ऑब्जेक्शन करते हुए बजरंग दल के वर्कस ने डीडी मॉल, गोल्ड सिनेमा, डिलाइट व काजल सिनेमाहॉल्स पर प्रोटेस्ट किया.

पुलिस प्रोटेक्शन में वर्कर सिनेमाघर के अंदर भी यह देखने गए कि ‘रामलीला’ नाम से कोई पोस्टर तो हॉल्स के ओनर्स ने नहीं लगा रखा है. इसी तरह भोपाल और इंदौर के भी कई सिनेमाहॉल्स पर बजरंग दल के वर्कस ने प्रोटेस्ट किया. इस बीच थियेटर ओनर्स ने दावा किया कि बिना किसी प्राब्लम के फिल्म को रिलीज किया गया. दूसरी तरफ, एटा में हिंदू महासंघ और हिंदू युवा वाहिनी के वर्कस आगरा रोड पर ज्वाला टाकीज पहुंचे. इनको जहां भी फिल्म के पोस्टर दिखाई दिए, उन्हें फाड़ कर टॉकीज के परमाइसेज में ही आग के हवाले कर दिया.

Reason behind protest      
दीपिका पादुकोण लीला और रणवीर राम सिंह के करेक्टर में हैं. फिल्म में लीला का राम के साथ भाग जाना, राम और लीला के इंटीमेट सींस, राम का डॉन बनना, लीला का राम के साथ कुछ समय रहकर फिर अलग होना आदि को फिल्म पर ऑब्जेक्ट करने वाले राम और सीता के करेक्टर पर हमला बता रहे हैं.

Posted By: Kushal Mishra