भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने कर्ज की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। कोविड-19 महामारी की मार से पिटी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए लगातार 10वीं बार आरबीआई ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया है।


मुंबई (पीटीआई)। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि माॅनिटरी पाॅलिसी कमेटी (एमपीसी) ने कर्ज की ब्याज दर या रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह अब भी पहले की तरह 4 प्रतिशत पर ही रहेगी। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी पहले की तरह 3.35 प्रतिशत पर स्थिर बनी रहेगी। रिवर्स रेपो रेट बैंकों के पास पड़े अतिरिक्त धन को रोक लेती है।जरूरत पड़ने पर मौद्रिक नीति में होगा बदलावआरबीआई गवर्नर ने कहा कि छह सदस्यों वाली एमपीसी ने अगस्त 2020 से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। एमपीसी के सदस्यों ने 5-1 के मत से नीतिगत दरों को स्थिर रखने पर सहमति जताई है। उनका मानना है कि जब तक जरूरत होगी नीतिगत दरों को सपोर्टिव बनाए रखा जाएगा। जरूरत के मुताबिक मौद्रिक नीति में बदलाव किया जाएगा इसमें कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी।


अर्थव्यवस्था के सपोर्ट सरकार चाहती है खर्च बढ़ाना

एमपीसी का यह फैसला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में उस प्रस्ताव के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए खर्च बढ़ाने की बात कही थी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकार का जोर पूंजी बनाने के लिए खर्च करने और निर्यात को बढ़ाने पर है। साथ ही सरकार मांग को बढ़ाना चाहती है। इससे निजी निवेश में भी बढ़ोतरी होगी।2022-23 के लिए अनुमानित विकास दर 7.8 प्रतिशतआरबीआई ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष की अनुमानित आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत बताई है। वित्त वर्ष 2021-22 की अनुमानित विकास दर 9.2 प्रतिशत से कम है। ऐसा अनुमान महामारी से अनिश्चितता और दुनिया भर में वस्तुओं के महंगे होने को ध्यान में रखकर लगाया गया है। 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, जीडीपी की विकास दर 8-8.5 प्रतिशत से मामूली नीचे रहेगी। यह आईएमएफ के पूर्वानुमान 9 प्रतिशत से कम ही रहेगी।क्रिप्टो करेंसी अर्थव्यवस्था के लिए खतराक्रिप्टो करेंसी को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्राइवेट क्रिप्टो करेंसियां अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं। निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसे असेट का कोई मूल्य नहीं होता है। ऐसे में इनको लेकर दो मोर्चों पर चुनौतियां हैं। आरबीआई ने ई-रूपी की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ा कर 1 लाख रुपये कर दी है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh