'ये कहां आ गए हम यूं ही साथ चलते चलते...' यह एक पॉपुलर फिल्मी गाने का मुखड़ा है जो आई नेक्स्ट अपने रीडर्स के लिए आज गाना चाहता है। जो अपने सपने 2006 में जागरण प्रकाशन लिमिटेड के एक छोटे से अखबार ने टेबलॉइड फॉर्म में संजोए थे। आज की तारीख में उसी आई नेक्स्ट ने उससे कहीं बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। हम तहे दिल से शुक्रगुजार हैं अपने पाठकों के जिनकी हौसला आफजाई की वजह से हम यह मुकाम हासिल कर पाये हैं। सपने तो तब भी ऊंची उड़ान के थे सो हम उड़े और आज अगले पायदान को न केवल छू लिया बल्कि उस मंजिल को हासिल किया जिसे पाना विरल होता है। गौरतलब है कि हम केवल साइज और न्यूज एंगल फोकस से ही आगे नहीं बढ़े बल्कि अब तो हम अपकन्ट्री भी गये हैं। हमारे ढेर सारे पाठक जो जिलों में पहले भी थे अब उन्हें हमारे पेपर तक पहुंचने के लिए खास मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।


खास बात यह है कि ब्रॉडशीट की दुनिया में कदम रखने के लिए हमने बदलाव जरूर किये पर हमारी जिन खूबियों की वजह से हमें पसंद किया गया, उनको हमने नहीं छोड़ा. और तो और आपकी जरूरतों के मद्देनजर कॅरियर का जो पन्ना हम रोज देने लगे थे, उसको और बेहतर रूप में, सह्रश्वलीमेंट फॉर्मेट में उपलब्ध करवायेंगे। इसमें युवा पाठकों का हमेशा हमने खास ध्यान रखा और इसके चलते युवा सोच के हर वर्ग और उम्र के पाठकों ने हमें सराहा।


आज के एक सीरियस न्यूज पेपर के कलेवर में सबके बीच में आने का इंस्पीरेशन हमें रीडर्स से ही मिला। यद्यपि हम शहर, प्रदेश देश और दुनिया की खबरें आप तक ला रहे थे. खेल जगत, मनोरंजन, टेक्नोलॉजी, फैशन, फूड इत्यादि के लेटेस्ट डेवलेपमेंट्स से भी आपको अवगत करा रहे थे। बिजनेस न्यूज के लिए खास जगह बनाकर, हमने अपने कंटेंट को और भी इनरिच कर लिया। कोई भी पक्ष ना छोडऩे का दावा हम कर सकते हैं। एक ब्रॉडशीट होने के बाद भी आई स्पेस के दीवाने निराश नहीं होंगे। अगर आप गौर फरमाएं, तो न्यूज डोमेन में हम ऑलरेडी ब्रेकिंग न्यूज और कैम्पेंस के एरिया में हर शहर के तमाम ब्रॉडशीट्स के साथ कभी कंधे से कंधा मिलाकर, कभी चलकर और कभी बेहतर कंटेंट देकर अपनी काबिलियत की दस्तक दे चुके थे। आज लोकल, प्रदेश और अंचल को अहमियत देते हुए देश और दुनिया की खबरें और प्रमुखता से आपके समक्ष रख रहे हैं. उधर संपादकीय पेज पर नामचीन राइटर्स के लिखे समसामायिक लेख भी हमने पढ़वाना शुरू कर ही दिया था... पर अब हम ज्यादा से ज्यादा जानी-मानी हस्तियों एवं लेखकों के विचारों से आपको रूबरू कराते रहेंगे।साथ में डिजिटल डोमेन में हमने पदार्पण करके inextlive के साथ डिजिटल दुनिया में तीन साल के अंदर अपनी खास जगह बना ली। देखते ही देखते हमने डाटा जर्नलिज्म को अपना एक्सप्रेशन और डीटेलिंग का हिस्सा बना लिया और डिजिटल ही नहीं, टीवी जर्नलिज्म के भी अंश आई नेक्स्ट के प्रिंट फॉर्मेट में नजर आने लगे। हमारे फ ीडबैक मैकेनिज्म वॉट्सअप, फे सबुक और ट्विटर के जरिये मजबूत होते चले गये और कॉलिंग नाम के पेज की शुरुआत कर हम अपने पाठकों से सीधे संवाद में जुट गये।नया i next देखने के लिए यहां क्लिक करें

यूं देखा जाये तो जो हम करते आ रहे थे और जिससे आप पाठक हमारी ओर आकर्षित हो रहे थे, उन सब चीजों को बरकरार रखते हुए हम एक नई, रोमांचक, संपूर्ण खबरों से लैस और भी एक्साइटिंग दुनिया की ओर चल पड़े हैं। ब्रॉडशीट का डिसक्रिह्रश्वशन सिंपल है जो ब्रिटिश बैकग्राउंड में हमारे सामने आता है, क्योंकि वहां टैबलॉइड जर्नलिज्म का जोर अधिक था। न्यूज पेपर जिसके पेजेस टैबलॉइड से बड़े हों और वो सीरियस सबजेक्ट्स को डील कर रहा हो तो वो ब्रॉडशीट है।अब प्रश्न यह उठता है कि क्या हम अब तक सीरियस नहीं थे? बिल्कुल थे। जो भी किया, फीचर्स, कैपेंस, एक्सक्लूजिव सब में न्यूजी होकर, एक अलग ही अंदाज में हर चीज को पेश करके पाठकों का मन मोह लिया। इतनी खूबसूरत पिक्चर्स, न्यूजी व कैंडिड शॉट्स और उससे भी बेहतर उनके सेलेक्शन और डिस्ह्रश्वले के चलते लोगों ने इसका नाम 'विजुअल न्यूजपेपर' रख दिया। अब फर्क सिर्फ यह होगा कि हम अपने बढ़े हुए आकार में, आपके मतलब की खबर के साथ जो जस्टिस नहीं कर पाते थे वो करेंगे। आइये फिर शामिल हो जाइये, ऑल न्यू आई नेक्स्ट के साथ, जो नौ साल बाद छोटे से बड़ा हो गया है, उसके इस 'दमदार' और 'तेज तर्रार' सफर में...- शर्मिष्ठा शर्माDeputy Editor, i nexteditor@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh