इंटरनेट पोर्नोग्राफी पर बैन लगने के लिए पिछले कुछ दिनों से समाज में चर्चा चरम पर है। भारत इंटरनेट पोर्न का प्रयोग करने के मामले में तीन देशों में टॉप पर है। बीते साल गवर्नमेंट पोर्न पर कुछ दिनों के लिए टम्‍प्रेरी बैन लगाने में सफल हो गई थी लेकिन यह बैन सिर्फ कुछ ही समय तक रहा क्‍योकि गवर्नमेंट इसपर बैन लगाने का कोई फुल प्रूफ मैथड नहीं ढूंढ पाई। वार्ता फिर से वहीं पहुंच गई जहां से शुरु हुई थी।


पोर्न ने लोगों के जहन में बनाई जगहयह लोगों तक पहुचाने के लिए मेल नहीं किया गया था ना ही गेमिंग और गूगल के जरिए पहुंचया गया है। इंटरनेट पोर्न लोगों को ऑनलाइन जाने के लिए सबसे ज्यादा उत्साहित करता है। 1990 के दशक में जब इंटरनेट मेनस्ट्रीम की ओर अग्रसर था तब लोग सिर्फ ईमेल और किसी बेबसाइट पर जानकारी के लिए जाते थे। इंडिया में पिछले कुछ दिनों से अब लोग सिर्फ पोर्न के लिए जाते हैं। यह यूट्यूब नहीं था। पोर्न उद्योग फिर से पहले अपने वेब पृष्ठों जो ब्राउज़रों के साथ वापस काम करने के लिए वीडियो धकेलने का नया काम करने के लिए किया गया था। पोर्न उद्योग के बीच इंटरनेट दिग्गजों विश्वास है कि वीडियो लंबे समय तक लोगों के जहन में खुद को जिंदा रख सकता है। हाई रेज्युलेशन के लिए अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की बड़ी मांग
फ्लॉपी डिस्क से सीडी, डीवीडी और फ्लैश ड्राइव करने के लिए शुरूआत सही थी पर पोर्न पर हमेशा भंडारण बाजार का आशीर्वाद था। यह अभी भी बादल भंडारण करने के लिए जारी है। डाउनलोडिंग कंटेंट इंटरनेट की धीमी गति के साथ किया गया था। सीडी डीवीडी किराये की दुकानों को भूलने के लिए नहीं। पोर्न फिर से लोगों को रिच हाई रेज्युलेशन की सामग्री खोलने के लिए बेहतर इंटरनेट कनेक्शन का चुनाव करने के लिए मजबूर करते हैं। वीडियों पिक्चर्स के लिए लोग डायलअप कनेक्शन के साथ इंटरनेट चलाना ज्यादा पसंद करते हैं ताकि वीडियों और पिक्चर की क्वालिटी अच्छी आ सके।

Posted By: Prabha Punj Mishra