इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के मामले में सरकारी उदासीनता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है


उठाये गये कदमों की मांगी जानकारी, सुनवाई आजallahabad@inext.co.inइलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के मामले में सरकारी उदासीनता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और कहा कि याचिका पर सितम्बर 2017 में जवाब मांगा गया था किन्तु सरकार अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं कर सकी है। कोर्ट ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता से कल शुक्रवार 10 बजे सरकार द्वारा गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी पेश करें।31 मार्च तक पूरा कराना है प्रशिक्षण
यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने उप्र बेसिक शिक्षक संघ की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एचएन सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व प्रदेश सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानन्द पांडेय ने पक्ष रखा। मालूम हो कि केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर राज्य सरकारों को 31 मार्च 2019 तक प्राइमरी स्कूल के अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करा लेने का निर्देश देते हुए कहा है कि 1 अप्रैल 2019 से सभी गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को सेवा से हटा दिया जायेगा। याची की कहना है कि गौतम बुद्ध नगर में एनआइओएस से प्रशिक्षण दिया जा सकता है और राज्य सरकार ने अभी तक प्रशिक्षण देने के आदेश जारी नहीं किये हैं।सेवा हो रही है प्रभावितसरकार की ढिलाई के चलते याची संघ के सदस्यों की सेवा प्रभावित हो सकती है। याचिका में गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण दिलाये जाने की मांग की गयी है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल न करने व ठोस जानकारी न देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रमुख सचिव हाजिर होकर बताये कि सरकार क्यों कदम नहीं उठा रही। किन्तु सरकारी अधिवक्ता ने उठाये गये कदमों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय मांगा। सुनवाई आज भी होगी।

Posted By: Inextlive