RANCHI: सिटी के मेन रोड कचहरी चौक स्थित आरआईटी बिल्डिंग (धरती धन भवन) कंडम हो चुकी है। दिनोंदिन यह और भी जर्जर होती जा रही है। संबंधित विभाग को अब इसके गिरने का इंतजार है। तभी तो इस बिल्डिंग की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। इस बिल्डिंग की जांच की जिम्मेवारी भवन निर्माण विभाग को दी गई थी लेकिन अबतक बिल्डिंग की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से आरआईटी बिल्डिंग का न तो रिपेयरिंग हो पा रहा है और न ही इसके ब्यूटिफिकेशन का काम हो पा रहा है। आरआईटी बिल्डिंग में कई दुकाने हैं जहां पूरे दिन सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद इस बिल्डिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मार्केट के फ‌र्स्ट फ्लोर का हिस्सा तो पूरी तरह जर्जर हो चुका है। छत से भी सीमेंट टूटकर गिर रहा है, जिससे घायल होने की आशंका बढ़ गई है।

आरआरडीए के अधीन है यह मार्केट

आरआईटी बिल्डिंग का संचालन आरआरडीए की ओर से किया जाता है। दुकान आवंटन करने से लेकर रेंट वसूलने की जिम्मेवारी आरआरडीए को ही है। बिल्डिंग के जर्जर होने की खबर फैलते ही आरआरडीए भी हरकत में आते हुए इसकीजांच का आदेश जारी कर दिया है। भवन निर्माण डिपार्टमेंट को ही इसकी जांच करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। तीन महीने पहले ही बिल्डिंग डिपार्टमेंट को यह जिम्मेवारी सौंपी गई थी। लेकिन अब तक बिल्डिंग की जांच ही नहीं की गई है। आरआरडीए की ओर से बार-बार पत्राचार करने के बावजूद भवन निर्माण विभाग इसमें ध्यान नहीं दे रहा है।

सालाना आठ लाख वसूली

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि आरआरडीए द्वारा वर्ष 1964-65 में इस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था। बीस साल से भी अधिक समय से न तो इसका रंग-रोगन हुआ है और न ही रिपेयरिंग का काम ही हो सका है। बिल्डिंग में गंदगी का अंबार लगा रहता है। सेकेंड और थर्ड फ्लोर में बदबू फैली रहती है। दुकानदारों ने कई बार आवेदन दिया, लेकिन इसकी सूरत नहीं बदली। तीन मंजिला इस बिल्डिंग में 40 दुकाने हैं, जिसमें कुछ किराए दुकान एवं ऑफिस संचालित हो रहे हैं, जबकि कई जगह खाली भी पड़ी है। आरआरडीए हर महीने यहां से करीब 65 हजार रुपये भाड़ा वसूल रहा है। यानी वह हर साल आठ लाख रुपये यहां से भाड़ा वसूल रहा है, इसके बावजूद बिल्डिंग का स्वरूप नहीं बदला गया।

भवन निर्माण विभाग को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। दो बार लेटर भेजने के बाद भी अबतक कोई रिस्पांस नहीं मिला है। जांच रिपोर्ट आते ही उसके अनुसार काम शुरू कराया जाएगा।

--- आफताब अहमद, आरआरडीए पदाधिकारी

हमलोग बढ़ी हुई दर से भी रेंट देने को तैयार हैं, लेकिन पहले बिल्डिंग की मेंटेनेंस होनी चाहिए। बिल्डिंग की हालत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। ऑफिस में बैठने से ही छत से सीमेंट झड़ कर गिर रहा है।

---जयंत झा, आरआईटी बिल्डिंग किराएदार

Posted By: Inextlive