राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरएसएस की तीन दिवसीय चिंतन बैठक शुक्रवार से नागपुर में शुरू हो चुकी है. इस दौरान आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसाबले ने सवांददाता सम्‍मेलन में एक बड़ा अजीब बयान दिया है. उन्‍होंने भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं है.यहां सब अपने डीएनए से हिंदू हैं.

आप किसे अल्पसंख्यक कहेंगे
आरएसएस के फैसला लेने वाले शीर्ष निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का तीन दिवसीय सम्मेलन चल रहा है. इस बीच बीच होसाबले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप किसे अल्पसंख्यक कहेंगे ? हम किसी को भी अल्पसंख्यक नहीं मानते हैं. हम सब एक देश में रहते हैं.  देश में अल्पसंख्यक की कोई अवधारणा नहीं है क्योंकि अल्पसंख्यक कोई है ही नहीं. यहां सब लोग ‘सांस्कृतिक, राष्ट्रीयता और डीएनए से हिंदू’ हैं. अल्पसंख्यक आदि शब्द तो बस ऐसे ही हैं. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने मोहन भागवत का नाम भ्ज्ञी लिया. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत भी कई बार कह चुके हैं कि  भारत में जन्म लेने वाला सभी हिंदू.


सेविका समितियों में महिलाएं
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संघ शाखाओं में जिसे आप तथाकथित अल्पसंख्यक कहते है, पहले से हैं, वे स्वयंसेवक हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय सेविका समितियों में महिलाएं हैं और आरएसएस की गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा लेती हैं. उनके बीच किसी तरीके का अलगाव नहीं होता है. इस दौरान इस बात को भी स्वीकारा कि सच में शाखाओं में महिलाये नहीं हैं, लेकिन बाकी हर जगह हैं. वे सेवा गतिविधियां में शामिल हैं और सक्रिय हैं, यहां तक कि पूर्णकालिक स्वयंसेविका हैं. इतना ही नहीं कई स्वयं सेविकाएं तो ऐसी हैं जो प्रतिनिधत्व में भी सक्रिय हैं.

Hindi News from India News Desk

Posted By: Satyendra Kumar Singh