सीएनजी के रेट में रिकॉर्ड इजाफे का असर सीनजी वाहनों की सेल पर पड़ा

50 फीसदी कम हो गए रजिस्ट्रेशन, पेट्रोल व डीजल वाहनों की ओर लौटे लोग

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KANPUR। बीते दशक में पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई भारी वृद्धि से लोगों का रुझान तेजी से सीएनजी वाहनों की ओर हो गया था। सीनजी वेहिकल्स की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ था। लेकिन पिछले महीने सीनजी के रेट में रिकॉर्ड वृद्धि ने अचानक ट्रेंड ने यू टर्न ले लिया है। सीएनजी वाहनों की खरीद में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। लोग फिर से पेट्रोल व डीजल वाहनों को खरीदना पसंद कर रहे हैं।

एक साथ 14 रुपए बढ़ा दिए

दिसंबर 2013 में सीएनजी के रेट में 14 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। सीएनजी के 68 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है। ज्यादातर लोग सीएनजी के रेट कम होने की वजह से ही इसका इस्तेमाल करते थे। अब तो सीएनजी गैस डीजल से भी ज्यादा महंगी हो गई है। इसका सीधा असर सीएनजी वेहिकल्स की सेल पर पड़ा है।

नौ महीने में 24 रुपए

मंथ (2013) रेट

अप्रैल 44

जुलाई 46

अगस्त 47

सितंबर 48

अक्टूबर 49

नवबंर 54

दिसंबर 68

(रेट रुपये प्रति किलो में है)

रजिस्ट्रेश्ान का हाल

मंथ(2013) रजिस्ट्रेशन

अप्रैल 225

मई 236

जून 219

जुलाई 248

अगस्त 204

सितंबर 228

अक्टूबर 242

नवंबर 238

दिसंबर 124

(रेट बढ़ने से अब तक)

इसलिए बदल गया रुझान

कुछ ऐसे खास वीक प्वाइंट्स हैं सीएनजी वाहनों में जिसकी वजह से लोग इन्हें खरीदने से पीछे हट रहे हैं। रेट कम होने पर लोग इन प्वाइंट्स को एवॉयड करते थे।

- सीएनजी कारों में किट लगने से लगेज स्पेस काफी कम हो जाता है

- सीएनजी वाहनों में बर्निंग एक्सीडेंट्स का खतरा ज्यादा होता है

- सीएनजी वाहनों में इंजन जल्दी खराब होते हैं

- सीएनजी पंप काफी कम हैं। सिटी में सिर्फ 11 पंप हैं

- रूरल एरिया में सीएनजी पंप नहीं मिलते

- सीएनजी वाहनों का मेंटीनेंस एक्सपेंसिव होता है

- सीएनजी वाहनों के एक्सपर्ट कम मिलते हैं

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सीएनजी गैस के दाम बढ़ने से वाहनों की खरीद पर असर पड़ा है। रजिस्ट्रेशन में भी भारी गिरावट आई है। 50 प्रतिशत तक रजिस्ट्रेशन कम हुए हैं।

- एसके सिंह, एआरटीओ

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