सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यूएई में रोजमर्रा में इस्तेमाल किए जाने वाली वस्तुओं को मिलने वाली कर छूट अब खत्म होगी। वहां अगले साल की शुरुआत से अधिकांश सामान और सेवाओं पर पांच फीसद मूल्य वर्धित कर वैट लगेगा। इससे आम उपयोग की चीजें महंगी हो जाएंगी। तीन वर्षों में तेल की कीमतों में गिरावट से राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए दोनों देशों ने यह कदम उठाया है। भारत से वहां गए लाखों कामगारों पर वस्तुएं और सेवाएं महंगी होने का असर पड़ेगा।


अभी तक यूएई टैक्स छूट का करता रहा था वादासऊदी अरब और यूएई लंबे समय से रहन-सहन में कर छूट का वादा कर विदेशी कामगारों को आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने कई चीजों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) लगा दिया है। इससे कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, गैसोलिन, फोन, पानी, बिजली बिल और होटल रिजर्वेशन महंगा हो जाएगा। हालांकि किराया, रियल एस्टेट बिक्री, कुछ दवाइयों, हवाई जहाज के टिकट और स्कूल ट्यूशन फीस में कुछ छूट मिलेगी।सऊदी अरब में महिलाओं से एक बैन और खत्म, अब बाइक और ट्रक भी चला सकेंगीआईएमएफ ने दिया था टैक्स बढ़ाने का सुझाव
इस बीच सऊदी अरब ने आने वाले वित्त वर्ष के लिए अब तक का अपना सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इसमें 978 अरब रियाल यानी 261 अरब डॉलर (करीब 1673401 करोड़ रुपये) खर्च करने की योजना है। सऊदी सरकार ने वैट लागू करने से आय बढऩे और सब्सिडी कम करने की बात कही है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भी खाड़ी के देशों को गैर-तेल राजस्व बढ़ाने के लिए कर लगाने का सुझाव दिया है।


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Posted By: Satyendra Kumar Singh