स्‍वामी ओम इन दिनो अपनी एक याचिका को लेकर सुर्खियों में है। स्‍वामी ओम और चीफ जस्टिस जेएस खेहर के बीच हुई बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। स्‍वामी ओम पर याचिका दायर करने के लिए दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

ये बोले चीफ जस्टिस जेएस खेहर
सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए स्वामी ओम ने याचिका दायर की थी। दायर याचिका को चीफ जस्टिस जेएस खेहर व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने स्वामी ओम और सह याचिकाकर्ता मुकेश जैन को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने यह याचिका केवल पब्लिसिटी पाने के लिए दायर की है। आपकी याचिका का दूसरा कोई औचित्य नजर नहीं आता। आपने जो गलत तरीका अपनाया है उसे बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
स्वामी ओम
संविधान के आर्टिकल 124 के तहत चीफ जस्टिस की नियुक्ति राष्ट्रपति हाईकोर्ट व अन्य जजों की सलाह से कर सकता है। उसमें यह कहीं नहीं लिखा कि नए चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव सेवानिवृत होने जा रहे चीफ जस्टिस द्वारा किया जाए। ऐसे में आपने जो जस्टिस दीपक मिश्रा का नाम नए चीफ जस्टिस के लिए प्रस्तावित किया है वह गलत है।
चीफ जस्टिस
संविधान में यह भी कहां लिखा है कि वह नए चीफ जस्टिस का नाम प्रस्तावित नहीं कर सकते।
स्वामी ओम
मेरी जस्टिस दीपक मिश्रा से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। मैं तो केवल संविधान की सही प्रक्रिया का पालन चाहता हूं। आप मेरे लिए भगवान के समान हैं। मैं आपका भक्त हूं।
चीफ जस्टिस
आप इस मामले में एक दिन पहले क्यों आए हैं। हमें लगता है कि यह आपका पब्लिसिटी स्टंट है।
स्वामी ओम
मुझे पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है। मैं चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस का प्रतिभागी रह चुका हूं। पूरे वर्ल्ड में मेरे 34 करोड़ अनुयायी हैं। मुझे दुनिया जानती है। मैंने इस प्रक्रिया को लेकर आपके समय में भी आंदोलन किया था। मैं राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन दे चुका हूं। वहां बात न बनी तो आपके पास आया हूं। आप न्याय देवता के समान हैं।
चीफ जस्टिस
राष्ट्रपति जजों की सलाह से निर्णय लेते हैं। मैं भी तो एक जज हूं। आप सुप्रीम कोर्ट को हल्के में ले रहे हैं। आप अंतिम समय पर इस तरह की याचिकाएं लेकर आते हैं हमें अच्छा नहीं लगता। आप आखिरी समय पर आने का कारण स्पष्ट कीजिए। अगर आप स्पष्ट नहीं करेंगे तो हम जुर्माना लगाएंगे और सजा देंगे।
स्वामी ओम
मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा। मैं तो सही प्रक्रिया का पालन चाहता हूं।
चीफ जस्टिस
आपने याचिका में नहीं लिखा कि आप करते क्या हैं।
स्वामी ओम
मैं भाषण देता हूं कथा वाचन करत हूं। मेरे 34 करोड़ अनुयायी हैं।
चीफ जस्टिस
आपके इतने अनुयायी हैं तो उनमें से ही किसी को भेज देते। या कोई वकील भेज देते। आप ही क्यों आ गए।
स्वामी ओम
मैंने कई वकीलों से सलाह की थी तो उन्होंने मना कर दिया कि चीफ जस्टिस हमारा लाइसेंस कैंसिल कर देंगे। वे आपसे डरते हैं। मुझे वकील एसएस तिवारी ने भी यही कहा था। जिसके बाद सभी हंस पड़े।
चीफ जस्टिस
वकील एसएस तिवारी आपके पास प्रवचन सुनने आते हैं क्या हम आपकी सभी बातों को फैसले में लिखेंगे। उन्होंने मामले के सह याचिकाकर्ता मुकेश जैन को भी कोर्ट के बाहर से बुलवाया और दोनों याचिकाकर्ताओं को कहा कि क्या आपको पता है कि संविधान के आर्टिकल 124 में संशोधन हो चुका है।
स्वामी ओम
हमें जानकारी नहीं है। आप तो संविधान के ज्ञाता हैं आप ही हमें बता दीजिये।
चीफ जस्टिस
अगर हम हर किसी को संविधान सममझाते रहे तो अपना काम नहीं कर पाएंगे। आपको कोर्ट में पूरी तैयारी से आना चाहिए। आपका व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। अपने यह सब पब्लिसिटी के लिए किया है। इस तरह की प्रवृति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। इसलिए आप दोनों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। आपकी याचिका खारिज की जाती है।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra