आरओ फि‍ल्‍टर पर एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आरओ निर्माताओं को कोई तात्‍कालिक राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्‍हें केंद्र सरकार के पास जाने को कहा है। हालांकि निर्माताओं ने अपना पक्ष रखा।


नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आरओ निर्माताओं से कहा कि वह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार से संपर्क करें, एनजीटी ने ऐसे रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) का उपयोग प्रतिबंधित किया है जिनमें, कुल घुलित ठोस (टीडीएस) है प्रति लीटर 500 मिलीग्राम से कम है।प्यूरिफायर के उपयोग को नियंत्रितन्यायमूर्ति रोहिंटन फाली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने किसी भी अधिसूचना को पारित करने से पहले केंद्र को निर्माताओं के प्रतिनिधित्व और सामग्री पर विचार करने का निर्देश दिया। एनजीटी ने हाल ही में सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में प्यूरिफायर के उपयोग को नियंत्रित करने और लोगों को मिनरल रहित पानी के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया था।पानी की गुणवत्ता पर सवाल
हालांकि याचिकाकर्ताओं सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरओ फिल्टर की जरूरत को दिखाने के लिए प्रचुर मात्रा में सामग्री मौजूद है। इस बीच, पिछले सप्ताह, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि दिल्ली का पानी गुणवत्ता के 19 मानकों पर विफल रहा है।तैराकी में कमाया नाम, नौकरी नहीं मिली तो खोली बिहार में चाय की दुकान

Posted By: Vandana Sharma