- एसडीएस कंपनी के 11 लाठीधारी गा‌र्ड्स पर सेफ्टी का जिम्मा

- संरचना है आलिशान, पर नहीं है आम आदमी को बचाने का इंतजाम

- कोई भी कहीं से भी आ या जा सकता है

- सामान के जांच की भी कोई व्यवस्था नहीं

RANCHI (18 July) : सिटी के खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में सुरक्षा की स्थिति बेहद दयनीय है। लोगों की आवाजाही के लिहाज से यह राज्य का सबसे व्यस्त बस टर्मिनल है। हर रोज औसतन फ्0 हजार लोगों का आवागमन इस स्टैंड से होता है। फ्00 बसें यहां से खुलती हैं और लगभग इतनी ही दूसरे जिलों अथवा राज्यों से यहां मुसाफिरों को लेकर आती हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आमद होने के बावजूद यहां मुसाफिरों के सामान की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का सामान लेकर स्टैंड में आ सकता है। बसों में मनचाहा सामान रखकर ले जा सकता है। हां, बस के संचालकों को सामान के बदले में रकम अदा करनी होगी।

कैमरे हैं, पर मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं

बस स्टैंड के मुख्य टर्मिनल के भीतर करीब फ्0 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ख्भ् कैमरों से ट्रांसमिट होनेवाले वीडियो को टर्मिनल के मुख्य दफ्तर में लगे एलईडी स्क्रीन पर देखने की व्यवस्था है। इसके बावजूद, वहां ज्यादातर समय कर्मचारी मौजूद नहीं रहते। इससे टर्मिनल में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को देखकर उसे पकड़ पाना लगभग नामुमकिन है। रांची नगर निगम इसका संचालन करता है। पूरे परिसर में दिन भर अवांछित किस्म के लोगों का भी जमावड़ा लगा रहता है। नशेडि़यों के आलावा मानसिक रोगी भी टर्मिनल के भीतर पड़े रहते हैं।

सरे-शाम टीओपी में लटक जाता है ताला

बस स्टैंड में प्रवेश करने का जो मुख्य रास्ता है, उससे केवल ख्00 मीटर की दूरी पर ही एक टीओपी खोला गया है। मंगलवार की शाम म् बजे ही इस टीओपी में ताला लटका था। वहां तो पुलिसवाले थे और न ही कोई प्राइवेट गार्ड। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां तैनात गार्ड अपनी इच्छा के अनुसार टीओपी खोलते या बंद करते हैं। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए, तो पुलिस को पहुंचने में ही आधे घंटे का समय लग जाएगा।

क्भ् करोड़ की लागत से हुआ है निर्माण

बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का निर्माण का निर्माण क्भ्.क्8 करोड़ की लागत से हुआ था। नवंबर ख्0क्भ् में इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था। तब इसकी सुरक्षा को लेकर कई तरह के वायदे भी किये गये थे। पहले नगर निगम के द्वारा अपनी ओर से भी गार्ड रखने की बात कही गयी थी। अभी सीमांचल डिटेक्टिव एंड सिक्योरिटी (एसडीएस) कंपनी के केवल क्क् गा‌र्ड्स ही तैनात हैं। टर्मिनल की सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त नहीं किया गया, तो भविष्य में किसी तरह की अनहोनी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

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मेयर आशा लकड़ा से दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की सीधी बात

सवाल - बिरसा मुंडा बस स्टैंड में सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं, केवल क्क् गार्ड्स ही तैनात हैं, क्या यह संख्या बढ़ाई जाएगी?

जवाब - क्क् हैं, तो आखिर थे कहां। मामले को देखा जाएगा। कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने पर विचार चल रहा है।

सवाल - टर्मिनल के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों के वीडियो फूटेज की निगरानी भी ठीक से नहीं हो रही है। कर्मचारी गायब रहते हैं, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब - गायब कर्मचारियों पर कार्रवाई जरूर की जाएगी। जिन्हें जैसी जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्हें अपना काम करना ही होगा।

सवाल - बस स्टैंड के बाहर जो टीओपी है, उसमें भी ताला लटका रहता है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा कैसे होगी?

जवाब - टीओपी में ताला लटकना गंभीर मामला है। इस प्रकरण में भी पुलिस के वरीय अधिकारियों से बातचीत की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आम लोगों को समय पर पुलिस की सहायता मिले।

सवाल - सुरक्षा जांच के लिए न तो मशीन है और न ही मेटल डिटेक्टर गेट, क्या इन सब चीजों की व्यवस्था होगी?

जवाब - इस पर भी जरूर विचार होगा। चूंकि यह मामला सुरक्षा के साथ-साथ क्रय समिति से भी जुड़ा है, इसलिए इस पर अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।

सवाल - बस स्टैंड में अवांछित किस्म के लोगों का जमावड़ा रहता है, क्या इस पर कोई कार्रवाई करेंगे?

जवाब - बस स्टैंड परिसर से अवांछित लोगों को हटाने का आदेश पहले ही दिया गया है। इस मामले में भी संबंधित लोगों से कारण पृच्छा की जाएगी।

Posted By: Inextlive