छावनी में तब्दील शहर के संवेदनशील चौराहे
- तीन प्वाइंट सीआरपीएफ और दो प्वाइंट आरएएफ के हवाले
- पुलिस-प्रशासन ने रूट मार्च कर हटवाया अतिक्रमण Meerut : मेरठ में कांवडि़यों का रेला रविवार से जुटने लगा है। कांवडि़यों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस ली है। शहर के संवेदनशील चौराहों को सीआरपीएफ और रैफ के हवाले कर दिया गया है, जबकि लखनऊ से पहुंची एटीएस के ख्क् कमांडों की टीम भी पूरे शहर में दौरा करती नजर आई। इसके अलावा रूट डायवर्जन पर सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट ने नजर रखी। बता दें कि कांवड़ में सुरक्षा के मद्देनजर शहर को ख्क् जोन और म्0 सेक्टर में बांटा गया है। रूट मार्च कर हटाया अतिक्रमणरविवार की शाम को एडीएम सिटी एसके दुबे और एसपी सिटी ओमप्रकाश की अगुवाई में बेगमपुल से बागपत अड्डा होते हुए जागरण तिराहे तक रूट मार्च किया। इस दौरान इन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करते हुए सड़क किनारे अतिक्रमण को भी हटाया। इनका कहना था कि जब एक लेन में वाहनों की आवाजाही हो रही है, ऐसे में अतिक्रमण हटाने से अधिक से अधिक वाहनों की आवाजाही संभव हो सकेगी। जिन स्थानों पर प्रकाश-व्यवस्था की कमी है, वहां क्षेत्राधिकारी को प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराने को भी कहा गया। रूट मार्च में सीओ कोतवाली, सीओ ब्रह्मापुरी, सीओ कार्यालय, सीओ ट्रैफिक, कमांडो दस्ता और क्षेत्र के सभी थानों के प्रभारी मौजूद थे।
तीन प्वाइंट पर सीआरपीएफ इन दिनों कांवड़ के साथ ही रमजान का पावन महीना भी चल रहा है। शरारती तत्व शहर की फिजा न बिगाड़ दें, इसके मद्देनजर तीन संवेदनशील प्वाइंट पर अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ को तैनात किया गया है। सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती भूमिया के पुल, हापुड़ अड्डा और इंदिरा चौक पर की गई है। रैफ की रहेगी नजर सीआरपीएफ के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स को भी महत्वपूर्ण स्थलों पर तैनात किया गया है। एक टीम बेगमपुल तो दूसरी हापुड़ अड्डे पर तैनात की गई है, ताकि कहीं से भी अप्रिय सूचना पर ये तेजी से मौके पर पहुंच सके। बेगमपुल पर तैनात टीम जहां रुड़की रोड, कंकरखेड़ा, दिल्ली रोड पर नजर रखेगी वहीं हापुड़ अड्डे पर तैनात रैफ इकाई गढ़ रोड़, एल ब्लॉक, लिसाड़ीगेट सरीखे अन्य क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर मूव करेगी। एटीएस के ख्क् कमांडों पहुंचे सुरक्षा के लिहाज से एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड के ख्क् कमांडों भी लखनऊ से मेरठ पहुंच चुके हैं। फिलहाल इन्हें मोबाइल रखा गया है। गश्ती दल के साथ ये कमांडों मार्च करते हुए रविवार को देखे गए।