-इलाहाबाद युनिवर्सिटी में आयोजित हुआ युवा संवाद-एक पहल

-वक्ताओं ने कहा, लोकतंत्र को मजबूती दे सकते हैं युवा

ALLAHABAD: लोकतंत्र को मजबूती देने की सबसे अधिक जिम्मेदारी युवाओं पर है। समय की मांग है कि युवा अपने उत्तरदायित्व को समझें और जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आएं। ये बातें सैटरडे से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में शुरू हुए युवा संवाद-एक पहल के इनॉगरेशन के मौके पर कैबिनेट मिनिस्टर राजीव शुक्ल ने कहीं।

नारी सशक्तिकरण है जरूरी

दो दिनो तक चलने वाले सेमिनार का सब्जेक्ट लोकहित, लोकमत और लोकतंत्र है। इसमें देश के जाने-माने शिक्षाविद व वक्ता शामिल हुए। उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मौजूद रहे। सेमिनार के पहले सत्र में अपने विचार रखते हुए प्रो। लाल बहादुर वर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में लोकहित व लोकमत के निर्माण के लिए नारी सशक्तिकरण जरूरी है। ऐसा होने पर ही पूरे समाज का विकास संभव है। उन्होंने प्रकृति के साथ हो रही छेड़छाड़ को नियंत्रित करने को महत्वपूर्ण मामला बताया और कहा कि इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। धनंजय चोपड़ा ने लोक की महत्ता को सबसे ऊपर रखा तो शांतनु जी महाराज ने लोकहित, लोकमत और लोकतंत्र की सफलता के लिए राम की लोक-व्यवस्था को सबसे बेहतर बताया। संयोजक सर्वेन्द्र प्रताप शाही ने चीफ गेस्ट को प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। पहले सत्र का संचालन डॉ। राजेश सिंह ने किया व अभार प्रेसीडेंट प्रेस क्लब रतन दीक्षित ने किया। दूसरे सत्र में लोकमत के निर्माण में मीडिया की भूमिका पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इसमें जस्टिस गिरधर मालवीय, सुधीर जैन, पीयूष बवेले, सुमंत भट्टाचार्या आदि प्रमुख थे। इस सत्र का संचालन धनंजय चोपड़ा ने किया। सेमिनार में जस्टिस सभाजीत यादव, एक्स यूनियन प्रेसिडेंट एयू श्याम कृष्ण पाण्डेय, पूर्व ओलंपियन अभिन्न श्याम गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive