बिहार में आयोजित हुई मैट्रिक की परीक्षा और सामने आए बेहद चौंकाने वाले आंकड़े। ये आंकड़े यूं चौंकाते हैं कि राज्‍य भर में करीब 77 हजार से भी ज्‍यादा स्‍टूडेंट्स ने परीक्षा फॉर्म भरने के बाद भी अपनी मैट्रिक की परीक्षा छोड़ दी है। आकंड़े ये कहते हैं कि राज्‍य में पहली बार परीक्षा फॉर्म भरने के बाद इतनी बड़ी संख्‍या में बच्‍चों ने परीक्षा छोड़ी।

आखिर क्यों छोड़ी परीक्षा
अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने परीक्षा आखिर क्यों छोड़ी। इसका जवाब भी काफी चौंकाने वाला सामने आ रहा है। इसका कारण परीक्षा में कदाचार को रोकने के लिए की गई सख्ती बताई जा रही है। गौरतलब है कि 2015 की मैट्रिक परीक्षा मे वैशाली के एक परीक्षा केंद्र की नकल की तस्वीर सामने आने के बाद सरकार से लेकर विभाग तक सभी की काफी किरकिरी हुई थी। उसके बाद से ही प्रशासन ने इस तस्वीर से सबक लिया और इस बार परीक्षा में सख्ती कर दी।
15 लाख स्टूडेंट्स ने भरे थे फॉर्म  
बताया गया है कि राज्य में परीक्षा में शामिल होने के लिए करीब 15 लाख 73 हजार छात्रों ने फार्म भरा था। इतनी बड़ी तादाद को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए गए। इसके साथ ही कदाचार कराने वाले वीक्षकों और अभिभावकों पर भी प्रशासन ने पैनी नजर तान दी।
बताया सख्ती का परिणाम
परीक्षा में की गई इस तरह की सख्ती का परिणाम ये निकलकर सामने आया कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने परीक्षा ही छोड़ दी। अब इसको देखते हुए परीक्षा परिणाम पर भी असर पड़ने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है। इस बारे में बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने अनुपस्थिति को सख्ती का ही परिणाम बताया है।

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Posted By: Ruchi D Sharma