उज्जैन का सांदिपनी आश्रम क्षेत्र अंकपात कहलाता है। महर्षि सांदिपनी के आश्रम में कृष्ण-बलराम शिक्षा-दीक्षा के लिए आए थे। मान्यता है कि उन्होंने लकड़ी की पट्टी पर अंक गणना सीखी थी। वे यहीं पट्टी पर लिखते व पोंछते थे इसलिए यह क्षेत्र अंकपात कहलाया। इतना ही नहीं उज्‍जैन के इतिहास से जुड़ी और भी ऐसी कई चौकानें वाली बाते हैं जो अधिकांश लोगों को नहीं पता है। ऐसे में आइए जाने उज्‍जैन से जुड़ी ये खास बातें...

राम घाट
भगवान महाकालेश्वर व हरसिद्धी मंदिर के पास बना यह घाट उज्जैन का सबसे प्राचीन घाट है। सिंहस्थ में अधिकांश अखाड़े व श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। घाट की लंबाई काफी अधिक है और आसपास अनेक मंदिर व मठ हैं, जहां बड़ी संख्या में धर्माचार्य रहते हैं।

मंगलनाथ घाट
मस्त्य पुराण के अनुसार यह मंगल ग्रह की जन्म स्थान के पास बना है। टेकरी पर बना यह मंदिर मंगल ग्रह के अध्ययन व ज्योतिष का बड़ा केन्द्र रहा है।
उज्जैन के हैं ये नाम भी
1. अवंतिका 2. उज्जयिनी 3. विशाला 4. प्रतिकल्पा 5. कुमुदवती 6. स्वर्णशृंगा 7. अमरावती आदि।

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Posted By: Shweta Mishra