ओडिशा के चाय बेचने वाले के बेटे ने नेशनल स्किल कॉम्पिटिशन जीतकर एक बड़ा कारनामा किया है। उसने बीते महीने कानपुर में हुई इस प्रतियोगिता में टॉप पर जगह बनाई है। अब उसकी इच्‍छा है कि उसे प्रधानमंत्री के हाथों से जीत का इनाम और सर्टिफिकेट मिले। उसका कहना है कि पीएम भी अपने जीवन के शुरुआती दिनों में चाय बेचकर ही यहां पहुंचे हैं।


सपना पूरा हो गयाछह महीने पहले, ओडिसा के नबरंगपुर के रहने वाले श्रीकांत साहू ने नेशनल स्किल कॉम्पिटिशन जीती थी और अब वह सरकारी नौकरी करना चाहता है। श्रीकांत ने निजी कंपनियों के कई ऑफर ठुकराने के बाद आखिरकार उसका यह सपना पूरा हो गया। वह चाहता है कि अगर संभव हो सके तो उसे विजेता का प्रमाण पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। साहू कानपुर में मई में हुई 51वीं एनुअल ऑल इंडिया स्किल कॉम्पिटीशन में मोटर व्हीकल मैकेनिक कैटगरी में शीर्ष पर रहे थे। इसका परिणाम इस महीने घोषित किया गया जिसमें साहू को पचास हजार रूपये का कैश अवॉर्ड और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस दौरान साहू का कहना है कि वह सरकारी नौकरी करना चाहता था ताकि मेरे पिता को अब चाय न बेचना पड़े।'भाग्यशाली मानेंगे
इतना ही नहीं उनका कहना यह है कि भी है कि वह आईटीआई बरहामपुर से डिप्लोमा पाने से पहले ही कैम्पस इंटरव्यू में कोई भी निजी कंपनी ज्वॉइन कर सकता थे, लेकिन वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थ्ो। क्योंकि निजी कंपनी उन्हें कभी भी कंपनी से बाहर निकाल सकती थी।'अपने दूसरे सपनों का जिक्र करते हुए साहू कहा कि'प्रधानमंत्री मोदी उनके जैसे ग्रामीण युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह उनके मेक इन इंडिया कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं। उनके पास अन्य नेताओं के विपरीत युवाओं के लिए एक विजन है। वह खुद को भाग्यशाली मानेंगे अगर उन्हें उनके हाथ से पुरस्कार मिलता है।'साहू अभी अधिकारियों से समारोह क तिथि और स्थान की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।

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Posted By: Shweta Mishra