बाॅलीवुड एक्टर सोनू सूद मसीहा बनकर गरीबों की मदद करने हर जगह पहुंच जाते। सोशल मीडिया पर दो लड़कियों को हल खींचते वीडियो वायरल हुआ। जिसे देखने के बाद सोनू ने तुरंत उनके घर पर ट्रैक्टर भिजवा दिया। जिसकी अब हर कोई प्रशंसा कर रहा है।

चित्तूर (एएनआई)। दो लड़कियों द्वारा खेत की जुताई करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा था। किसी तरह ये वीडियो सोनू सूद तक पहुंच गया। जिसके बाद एक्टर ने बिना देर किए शाम तक उनके घर एक नया ट्रैक्टर पहुंचा दिया। सोनू के इस नेक काम की अब हर कोई प्रशंसा कर रहा। यहां तक कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी सोनू के इस काम की तारीफ की। यही नहीं चंद्रबाबू ने लिखा कि वह लड़कियों की पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे।

बैल भेजने का वादा कर पहुंचाया ट्रैक्टर
आंध्र प्रदेश में रहने वाली दो लड़कियों - वेनेला और चंदना ने अपने कंधों से खेत को जोतना शुरु किया। गरीबी के कारण उनके परिवार के पास ट्रैक्टर या बैल नहीं थे। उनके पिता नागेश्वर राव, जो पिछले 20 वर्षों से मदनपल्ले मंडल में एक चाय की दुकान चलाते थे, तालाबंदी के बाद अपने पैतृक गाँव राजुवरिपल्ले लौट आए। यहां उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं बचा था इसलिए उन्होंने खेती करने का फैसला लिया। ये वीडियो देखकर सोनू ने ट्वीट किया, 'कल सुबह उनके पास खेतों की जुताई करने के लिए बैलों की एक जोड़ी होगी। लड़कियों को उनकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने दें। कल सुबह से, दो बैलों खेतों की जुताई करेंगे। किसान हमारे देश का गौरव है। उनकी रक्षा करें।' बाद के एक ट्वीट में, सूद ने कहा: "यह परिवार बैल की एक जोड़ी के लायक नहीं है, वे एक ट्रैक्टर के लायक हैं। इसलिए आपको एक ट्रैक्टर भेज रहा हूं। शाम तक एक ट्रैक्टर आपके खेतों की जुताई कर रहा होगा।'

This family doesn&यt deserve a pair of ox 🐂..
They deserve a Tractor.
So sending you one.
By evening a tractor will be ploughing your fields 🙏
Stay blessed ❣️🇮🇳 @Karan_Gilhotra #sonalikatractors https://t.co/oWAbJIB1jD

— sonu sood (@SonuSood) July 26, 2020

लाॅकडाउन के चलते बंद हुआ धंधा
वेनेला कहती हैं, 'हम पिछले 15 वर्षों से मदनपल्ली में रहते थे और वहाँ एक चाय की दुकान चलाते थे। तालाबंदी के बाद, हमने अपना स्टाल बंद कर दिया और एक महीने तक घर पर रहे। हमारे पास कोई पैसा नहीं था इसलिए हम अपने पैतृक गाँव लौट आए। मेरे पिता ने कहा कि वह जमीन पर खेती करेंगे, लेकिन हमारे पास ट्रैक्टरों का किराए देने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। इसलिए, हमने सोचा कि हमारे परिवार को दो भाई-बहनों में से सबसे बड़ी वेनेला ने कहा कि जमीन को भरने में हमारे परिवार की मदद करें। ललिता, उनकी मां ने कहा कि चूंकि वे ट्रैक्टर के किराए के रूप में 1,500 रुपये प्रति घंटे का भुगतान नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने सभी काम खुद करने का फैसला किया।

Thank you so much sir for all the encouraging words. Your kindness will inspire everyone to come forward and help the needy. Under your guidance millions will find a way to achieve their dreams. Keep inspiring sir. I look forward meeting you soon. 🙏🇮🇳 https://t.co/XruwFx1vy2

— sonu sood (@SonuSood) July 26, 2020

सोनू सूद बने मसीहा
ललिता ने बताया, 'बारिश अच्छी थी, हमने कृषि शुरू कर दी थी। हमारे पास ट्रैक्टर किराए पर लेने के लिए कोई पैसा नहीं था, जिसकी कीमत 1,500 रुपये प्रति घंटा थी। इसलिए, हमने अपने दम पर काम करने का फैसला किया है। मेरे पति, बेटियां और मैं काम कर रहे हैं।' इस बीच, यह पहली बार नहीं है जब सोनू सूद जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए बाहर पहुंचे हैं। इससे पहले उन्होंने कई फंसे हुए प्रवासियों श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर वापस लाने में मदद करने के लिए दोनों उड़ानों और रेलवे के परिवहन की व्यवस्था की थी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari