पूर्व चीफ सलेक्टर रहे दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि विराट कोहली की कप्तानी के मुद्दे पर गांगुली को नहीं बोलना चाहिए था। यह सलेक्टर्स का काम है और आप बीसीसीआई अध्यक्ष हैं।

मुंबई (पीटीआई)। भारत के पूर्व कप्तान और चयनकर्ताओं के अध्यक्ष दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कोहली को लेकर जो बात बोली, असल विवाद उससे खड़ा हुआ। दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले, विराट कोहली ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीसीसीआई ने कभी भी उन्हें टी 20 कप्तानी छोड़ने के लिए नहीं कहा था। ये बयान गांगुली के स्टेटमेंट से बिल्कुल विपरीत था। वेंगसरकर ने आगे कहा, "बात यह है कि गांगुली के पास चयन समिति की ओर से बोलने का कोई काम नहीं था। वह बीसीसीआई अध्यक्ष हैं। चयन या कप्तानी के बारे में कोई भी बात चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा को बोलना चाहिए।"

कप्तानी से हटाने पर विवाद
इससे पहले, गांगुली, जो खुद भारत के पूर्व कप्तान थे, उन्होंने कहा था कि कोहली के टी 20 कप्तानी पर पुनर्विचार नहीं करने के फैसले ने चयनकर्ताओं को रोहित को एकमात्र सफेद गेंद वाले कप्तान के रूप में जाने के लिए प्रेरित किया क्योंकि दोनों फाॅर्मेट में दो अलग-अलग कप्तानों का होना सही बात नहीं है।

गांगुली का अधिकार क्षेत्र नहीं है
वेंगसरकर का मानना ​​है कि किसी भी खिलाड़ी को चुनने या छोड़ने का अधिकार केवल चयन समिति का होता है। मुंबई के पूर्व दिग्गज दाएं हाथ के बल्लेबाज ने चुटकी लेते हुए कहा, "चयन समिति द्वारा एक कप्तान का चयन होता है या हटाया जाता है और यह गांगुली का अधिकार क्षेत्र नहीं है।"

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari