मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया में रामायण लोक-जीवन से इतनी गहराई तक जुड़ी हुई है। यहां पर इसका काफी शानदार तरीके से मंचन होता है और इसके चरित्रों का इस्तेमाल स्कली शिक्षा में भी किया जा रहा है। सबसे खास बात तो यह है कि इंडोनेशियाई सरकार अपनी रामायण को भारत में दिखाने के लिए यहां की सरकार से पहल भी कर चुकी है। ऐसे में आइए जानें मुस्लिम बहुल इंडोनेशियाई रामायण की खासियत...
शिक्षा में रामायण: 90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया पर वर्तमान दौर में भी रामायण की गहरी छाप है। मुस्लिम वर्ग के लोग भी यहां पर अच्छा मनुष्य बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं। मुस्लिम शिक्षक बच्चों को इसको काफी बेहतर तरीके से समझाते भी हैं। राष्ट्रीय काव्य ग्रंथ: सबसे खास बात तो यह है कि रामायण यहां का राष्ट्रीय काव्य ग्रंथ है। इतना ही नहीं 1973 में इंडोनेशियाई की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन भी किया था। यहां लोगों का मानना है कि इस्लाम उनका धर्म है और रामायण उनकी संस्कृति है। राष्ट्रपति का जवाब:
एक बार पाक का एक प्रतिनिधिमंडल इंडोनेशिया की यात्रा पर गया था। प्रतिनिधिमंडल वहां पर रामलीला देख हैरान हुआ और उसने पूछा कि मुस्लिम देश में रामलीला का मंचन क्यों हो रहा है। जिस पर राष्ट्रपति सुकर्णो ने जवाब दिया कि अपना धर्म बदला है, संस्कृति नहीं बदली है।
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Posted By: Shweta Mishra