आजकल राज्यसभा और लोकसभा में ललित मोदी मामले को लेकर विपक्ष पूरी तरह से अड़ा है। पक्ष और विपक्ष दोनो बस इसी में उलझे हैं। जिससे मानसून के इस सत्र में आम आदमी और देश की अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़ा जीएसटी बिल लटका पड़ा है। जब कि जीएसटी बिल यानी कि गुड्‍स एंड सर्विस टैक्स पर पूरे देश की निगाहे टिकीं हैं। अगर यह बिल इसी सत्र में पास हो जाता तो आगामी 2016 में यह लागू हो जाता है। जिससे आम जनमानस को भी काफी राहत मिलती है।


देश में सामान का 1 दामजी हां इन दिनों चल रहे मानसून सत्र में भले ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ललित मोदी को तवज्जो दे रहा हो। ललित मोदी मामले को लेकर सदन की कार्यवाही लगातार बधित हो रही है, लेकिन लोगों को इस समय सबसे ज्यादा जीएसटी बिल पास होने का इंतजार है। जिससे की अगले साल देश के टैक्स संरचना में बड़ा बदलाव हो जाता,क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद हर सामान से एक्साइज और सर्विस टैक्स हटा दिए जाएंगे। राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी समाप्त कर दी जाएगी। सिर्फ वैट टैक्स होगा लागू
पूरे देश में बस एक ही टैक्स वैट लागू होगा। हर सामान का एक ही दाम होगा। इतना ही नहीं इस बिल के लागू होने के बाद सामान के दाम भी सस्ते हो जांएगे। अभी एक आम आदमी हर सामान पर 35-50 प्रतिशत प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाता है। जिससे जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स 12 -16 प्रतिशत रहने की उम्मीद की जा रही है। जीएसटी लागू होने के साथ ही कंपनियों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की परेशानियां कम हो जाएंगी।


ऑनलाइन भरा जाएगा टैक्स

जीएसटी बिल लागू होने के बाद टैक्स आदि भरने का रास्ता भी काफी सरल और पारदर्शी होगा। सब कुछ ऑनलाइन होगा। जिससे ढेरों टैक्स कानून और रेगुलेटरों का झंझट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।  हालांकि जीएसटी बिल के बारे में भारत में वर्ष 2006-07 में पहली बार इसका जिक्र किया गया था, लेकिन कई राज्य इसे लागू करने को तैयार नही थ्ों। राज्यों को यह डर था कि जीएसटी लागू हुआ तो उनकी कमाई कम हो जाएगी। हालांकि बाद में अब केंद्र सरकार ने उन्हें राजी किया है। जिससे शुरूआती दौर में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, रसोई गैस पर राज्य अभी जो टैक्स ले रहे हैं वो लेते रहेंगे।

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Posted By: Shweta Mishra