भारतीय रेल का सफर जल्‍द ही बहुत सुहाना होने हो जाएगा। ट्रेनों में गंदगी और धक्‍के जैसी समस्‍याओं से लोगों को दो चार नहीं होना पड़ेगा। जी हां हाल ही में भोपाल में मॉडल कोचों का ट्रायल किया गया। ये 24 कोच 120 किमी प्रति घंटे की स्‍पीड में भोपाल से बीना रेलवे स्‍टेशन तक चलाई गई। जिससे 139 किमी का ट्रायल सफल रहा। इन कोचों का निर्माण भोपाल के कोच रिहैबिलिटेशन वर्कशॉप में किया गया है। ये सभी लक्‍जरी सुविधाओं से लैस होंगे। ऐसे में आइए जानें इन नए रेल कोचों में यात्रियों के लिए क्‍या होगा खास...


बड़ी सीट:भारतीय रेलवे के इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत 2011 में हुई थी। इनकी सीटों पर बैठने पर 'जर्क' भी कम लगेंगे। इसके आलावा ये नए कोच चौड़े होने के साथ इनके साइड बर्थ भी बड़े होंगे।एसी व नॉन एसी  कोच: इस प्लान के तहत करीब 111 कोचों को तैयार किया गया है। जिसमें 87 कोच नॉन एसी, 17 कोच थर्ड एसी और 5 सेकेंड एसी ओर एक फर्स्ट एसी होगा। जिसमें एसी कोच के निर्माण में करीब 70 लाख और स्लीपर कोच की कॉस्ट 49 लाख रुपये है।बॉयो टॉयलट:इन नए कोचों में साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा गया है। सभी कोच में बॉयो टॉयलट सिस्टम लगें होंगे। साबुन और डस्टबिन आदि भी रखने की व्यवस्था होगी। कोच की फर्श पर ऐसा पेंट होगा जो बिल्कुल कारपेट का एहसास कराएगा।
राजधानी एक्सप्रेस:
अभी इन कोच को ट्रायल के बाद रेलवे बोर्ड के क्िलयरेंस का इंतजार हैं। जब इन्हें क्लियरेंस मिल जाएगा तब आईएसओ प्रमाणित ट्रेनों और राजधानी एक्सप्रेस में लगाए जाएंगे। उसके बाद लोग इनमें सफर कर सकेंगे।inextlive from Spark-Bites Desk

Image source: GMSRailway

Posted By: Shweta Mishra