भारत का पड़ोशी मुल्क और शांत राज्य कहे जाने वाले देश श्रीलंका के हालात इन दिनों ठीक नहीं हैं। देश के कई इलाकों में फैली हिंसा को देखते हुए श्रीलंका सरकार ने दस दिनों के लिए वहां इमरजेंसी लागू कर दिया है।


श्रीलंका में आपातकालदेश के कई इलाकों में भारी हिंसा को ध्यान में रखते हुए श्रीलंका सरकार ने दस दिनों के लिए वहां आपातकाल लागू करने का ऐलान कर दिया है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि हिंसा और आगजनी के मामले में अभी तक 2 दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी गई है। यह आपातकाल भी उस समय लगाया गया है, जब रोहित शर्मा के अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम कोलंबो में टी-20 मैच खेलने के लिए मौजूद है। हालांकि बीसीसीआई की तरफ से साफ कर दिया गया है कि आपातकाल की घोषणा के बाद भी मैच पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। जापान में ज्वालामुखी विस्फोट, हजारों मीटर आसमान में धुंए और धूल के बादल से दर्जनों उड़ानें रदइसलिए फैली हिंसा
दरअसल, श्रीलंका में हिंसा रोहिंग्या मुसलमानों की बढ़ती आबादी को लेकर फैली है। जानकारी के मुताबिक पिछले माह 22 फरवरी को वहां एक दुकान के बाहर एक ट्रक ड्राइवर की सरेआम हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही वहां वातावरण तनावपूर्ण हो गया। लोगों के बीच आक्रोश बढ़ता उस समय देखा गया जब ड्राइवर के अंतिम संस्कार के दौरान गुस्साए लोगों ने वहां पर दुकानों को जला दिया और एक व्यक्ति की हत्या भी कर दी। इसके बाद यही हिंसा देशभर के कई इलाकों में भी फैल गई।धर्मांतरण की बातऑब्जर्वर रिसर्च फांउडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि श्रीलंका में बौद्ध बहुसंख्यक हैं। वह यहां पर करीब 70 फीसद हैं जबकि मुसिल्म यहां पर करीब 12 फीसद हैं। उन्होंने बताया कि श्रीलंका में पिछले दिनों यह भी बात सामने आई थी कि यहां पर रोहिंग्या मुस्लिम धर्मांतरण करा रहे हैं। जबरन धर्मांतरण की खबर ने वहां के बौद्ध संप्रदाय में लगी चिंगारी को भड़काने का काम किया। इसके बाद ट्रक ड्राइवर की हत्या ने इस विवाद को और बढ़ा दिया। इसके बाद से ही श्रीलंका के विभिन्न इलाकों में हिंसा का माहौल पैदा हो गया। हालांकि देश के राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अभी कुछ नहीं कहा है।

Posted By: Mukul Kumar