त्‍यौहारों का सीजन आते ही मार्केट में रौनक आ जाती है। सभी लोग अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदारी करने लगते हैं। ऑटोमोबाइल से लेकर इलेक्‍ट्रानिक और होम एप्‍लॉयंस तक सभी सामनों को काफी अच्‍छी तरह से जांच परख कर लेना चाहिए। ऐसे में स्‍टार एनर्जी रेटिंग्‍स को ध्‍यान में जरूर रखें ताकि सामान खरीदकर पछताना न पड़े।

क्या होती है Star Energy Rating
PwC इंडिया, एनर्जी एंड यूटिलिटीज पार्टनर अमित कुमार बताते हैं कि ग्राहकों को सबसे पहले स्टार रेटिंग के बारे में समझना होगा। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी सभी इलेक्ट्रानिक प्रोड्क्ट्स को रेटिंग देकर उनकी एनर्जी एफिशियंसी के मानक तय करती है। अमित बताते हैं कि मार्केट में ऐसे कई एप्लॉयंस उपलब्ध हैं जोकि हाई एनर्जी एफिशियंट के साथ-साथ परफॉर्मेंस में भी बेहतर हैं। अगर हम रेटिंग को गहराई से समझें, तो इसमें 1 से लेकर 5 स्टार होते हैं। जो प्रोड्क्ट सबसे ज्यादा ऊर्जा बचाता है उसे 5 स्टार मिलता है। जबकि ज्यादा बिजली खपत वाले एप्लॉयंस को 1 या 2 स्टार ही मिलते हैं। अमित आगे बताते हैं कि, यह रेटिंग इसलिए बनाई गई ताकि मार्केट में बिकने वाले उत्पादों की ऊर्जा खपत के बारे में पता लगाया जा सके।  

5 star से भी बेहतर है कुछ

माइली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस गुंजन दुआ बताती हैं कि, जब किसी एप्लॉयंस को डिजाइन किया जाता है तो एनर्जी एफिशियंसी पर सबसे ज्यादा जोर रहता है। प्रोड्क्ट बनने के बाद वह जब तक एफिशियंसी स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरता, उसको पास नहीं किया जाता। वैसे गुंजन इस 5 स्टार रेटिंग से और बेहतर ऑप्शन बताती हैं। वह कहती हैं कि, उनके यहां बनने वाले सभी प्रोडक्ट्स EU स्टैंडर्ड के होते हैं यानि कि यह स्टार एनर्जी रेटिंग से भी बेहतर माने जाते हैं। गुंजन के मुताबिक, माइली का एक 479 लीटर का मास्टरकूल रेफ्रिजरेटर प्रति दिन 1 यूनिट बिलजी खपत करता है। ऐसे में इसको A+++ रेट दिया गया है। इसके अलावा डिशवॉशर में होने वाली बिजली की खपत की भी यह गणना करके उसे रेटिंग देता है। जबकि स्टार एनर्जी रेटिंग इस प्रोड्क्ट के लिए उपलब्ध नहीं है।

डिजाइनिंग से लेकर कीमत तक

अमित कुमार बताते हैं कि, एनर्जी एफिशियंसी रेटिंग का रोल सबसे अहम होता है। प्रोड्क्ट किस मैटेरियल से बना है उसी के अनुसार रेटिंग में भी फर्क आ जाता है। वैसे मार्केट में जितने भी होम एप्लॉयंस हैं वह एनवायरमेंट के लिए खतरा नहीं बन सकते। ये सभी रिसाइकलेबल हैं। अब अगर मैटेरियल अच्छा यूज किया जाएगा तो जाहिर है कि वह कम बिजली खपत करेगा। ऐसे में प्रोड्क्ट की कीमत बढ़ जाती है। हालांकि अगर इस फेस्टिव सीजन कोई कस्टमर अपना मनपसंद उत्पाद खरीदता है, तो उसे रेटिंग के बारे में ध्यान रखना चाहिए। ताकि इलेक्ट्रिसिटी के बिल एक झटके में न बढ़ जाए।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari