2002 के गुजरात दंगों के बाद बनी गुलबर्ग सोसाइटी ट्रस्ट में हेराफेरी के मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की गिरफ्तारी पर रोक को जारी रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दी गयी याचिका को बड़े बैंच को सौंपने का फैसला किया है.


तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने थर्स डे को इन दोनों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक को जारी रखते हुए दोनों आरोपियों की अंतरिम जमानत की याचिका को और बड़े बेंच को सौंपने का निर्णय किया है. इस मामले को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने केस बड़े बेंच के पास भेज दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस याचिका पर बड़े बेंच में सुनवाई नहीं होती तब तक गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.


सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने 2002 के गुजरात दंगे में इफेक्ट हुई गुलबर्ग सोसायटी में म्यूजियम बनवाने की रकम में गबन के लिए एक्यूज तीस्ता सीतलवाड़ और उनके हसबेंड जावेद आनंद को 19 तारीख तक अरेस्ट ना करने के ऑर्डर देकर उन्हें राहत दी थी. हालाकि गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी जमानत की अपील रिजेक्ट कर दी थी, और पुलिस उनके घर गिरफ्तारी के लिए पहुंच गई थी. ये हैं आरोप

तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद पर गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी, आइटी एक्ट में विश्वासघात के तहत दफाएं लगाकर एक साल पहले केस रजिस्टर किया था.  2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान तबाह हुई गुलबर्ग सोसाइटी में म्यूजियम ऑफ रेजिस्टेंट बनाने की तीस्ता सीतलवाड़ और उनके एनजीओ ने अनाउंसमेंट की थी. तब से अब तक पिछले 13 सालों में उन्होंने देश-विदेश से इसके लिए करोड़ों रुपये जमा किए और लेकिन बाद में म्यूजियम बनवाने से इंकार कर दिया. सीतलवाड़ दंपति पर इस रकम से विदेशों में वेकेशन मनाने का भी आरोप है.

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Posted By: Molly Seth