भारत के 5 बांधों की अनोखी कहानियां
भाखड़ा नांगल बांध
भाखड़ा नांगल बांध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध है। यह बांध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बांध अब तक टिहरी बांध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध था। इसकी उँचाई 255.55 मीटर यानि 740 फीट है। वैसे एक बात और है जो इस बांध को खास बनाती है वो है ये सच्चाई कि दरसल ये जुड़वां बांध हैं भाखरा और नांगल। जो हिमांचल और पंजाब सीमा पर बने हैं।यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है। टिहरी बांध हिमालय की दो नदियों भागीरथी तथा भीलांगना के संगम पर बना है। अब तक ये भारत का सबसे ऊंचा बांध था पर अब इसका स्थान दूसरा हो गया है। करीब 260.5 मीटर ऊंचा टिहरी बांध दुनिया के उच्चतम बांधों में शामिल है और दुनिया का आठवा सबसे बड़ा बांध है।
मैथॉन बांध झारखंड प्रदेश में धनबाद से 52 किमी दूर मैथॉन में स्थित है। ये बांध दामोदर वैली कारपोरेशन का सबसे बड़ा जलाशय है। इसकी खासियत है कि यह एक भूमिगत पावर स्टेशन है, जो पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी तरह का पहला है। मैथॉन दमन दामोदर घाटी में सबसे बड़ा जलाशय है।
पौंग बांध वेटलैंड, जिसे महाराणा प्रताप सागर भी कहा जाता है, हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित है। यह एक मानव निर्मित जलाशय है, और ब्यास नदी पर बना है। इस बांध की खासियत हैं कुछ मंदिर जो गर्मी के मौसम में केवल चार महीनों के लिए ही दिखाई देते हैं क्योंकि बांध का जलस्तर चढ़ता-उतरता रहता है। पोंग बांध के महाराणा प्रताप सागर झील में डूबे इन मंदिरों को बाथू मंदिर के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोग इसे ‘बाथू की लड़ी’ कहते हैं। ये मंदिर 70 के दशक से ही इस बांध के पानी में डूबे रहते हैं।
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