JAMSHEDPUR: करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में झारखंड छात्र मोर्चा व कॉलेज छात्र संगठन के छात्र अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से आमरण अनशन पर बैठ गए। आमरण अनशन पर बैठने वालों में छात्र नेताओं में मुख्य रूप से संजीव कुमार मुर्मू, देवीलाल टुडू, करणजीत हांसदा, अजय देवगम, भुगलू हांसदा, कल्याण मार्डी, सुनील तिऊ शामिल हैं। अन्य छात्र-छात्राएं इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

इस आमरण अनशन के दौरान झारखंड छात्र मोर्चा के नेता सह पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि संजीव मुर्मू ने बताया कि पिछले कई सालों से झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में संताली, ओलचिकी, कुड़माली सहित विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के लिए अलग से विभाग बनाए जाने, कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से शुरू किए जाने एवं इनके विभागों केलिए अलग से शिक्षकों की बहाली की मांग की जाती रही है। इसके अलावा कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत अनुबंध पर आधारित शिक्षकों को नियमित वेतन दिए जाने की मांग वे लोग कई बार कर चुके हैं। अब तक इस दिशा में न तो विश्वविद्यालय ने ध्यान दिया और न ही सरकार ने। इस कारण बाध्य होकर हमें आमरण अनशन करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री ने सभी क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली एवं पढ़ाई कराए जाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया जा सका है। एलबीएसएम कॉलेज में डेढ़ साल से अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों को मानदेय अब तक नहीं मिला है।

सकारात्मक वार्ता हो

छात्र नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक वार्ता नहीं होती तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इसकी सूचना पहले ही विश्वविद्यालय व कॉलेज को दी जा चुकी है। इससे पूर्व आमरण अनशन पर बैठे छात्र नेताओं व छात्रों को प्राचार्या डॉ। अमर सिंह ने कहा कि सारी मांगे सरकार के स्तर की है। विश्वविद्यालय जल्द ही शिक्षकों का मानदेय का भुगतान करेगा। इसकी संचिका भी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन छात्र नहीं माने कहा कि वे मांगों को लेकर अडिग हैं। आमरण अनशन जारी रहेगा।

ये हैं प्रमुख मांगें

-झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में संताली, ओलचिकी, कुड़माली सहित विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के लिए अलग से विभाग बनाया जाए।

-केयू के सभी कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से शुरू किए जाने एवं इनके विभागों केलिए अलग से शिक्षकों की बहाली की मांग।

-केयू के अंतर्गत अनुबंध पर आधारित शिक्षकों को नियमित वेतन दिया जाए।

-पिछले दिनों सीएम ने सभी क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली एवं पढ़ाई कराए जाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक अब पूरा नहीं हुआ। -एलबीएसएम कॉलेज में डेढ़ साल से अध्यापन कर रहे शिक्षकों को मानदेय दिया जाए।

Posted By: Inextlive