-खड़कपुर का रहने वाला है मृतक, इंटरमीडिएट का स्टूडेंट था

-परिजनों ने पिता-पुत्र समेत चार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई

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KANPUR : बिधनू में गुरुवार की रात को हर्ष फायरिंग में छात्र को गोली नहीं लगी थी, बल्कि उसकी प्लान बनाकर हत्या की गई। हत्यारों ने हर्ष फायरिंग की आड़ में उसको गोली मारी थी, ताकि उसकी आड़ में वे बच जाएं। हालांकि परिजनों के सामने वारदात को अन्जाम देने से उनकी पोल खुल गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने चार युवकों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस ने उनकी तलाश में घर में दबिश दी, लेकिन वो उससे पहले फरार हो गए।

उस वक्त नहीं लगी गोली

बिधनू के खड़कपुर में रहने वाले राम प्रताप यादव भट्टा में काम करते हैं। उनके परिवार में पत्नी शिववति, बेटी रेखा, अर्चना और बेटा अजय (17) थे। जिसमें अजय पढ़ाई करने के साथ मेडिकल स्टोर में जॉब करता था। गांव में गुरुवार की रात को सुरेंद्र यादव की बेटी सोनी का शादी समारोह था। बारात जैसे ही समारोह स्थल पर पहुंची तो कुछ लोगों ने हर्ष फायरिंग शुरू कर दी। इसी बीच रोड पर खड़े अजय को गोली लग गई। आनन फानन में परिजन उसको हॉस्पिटल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। इधर, ग्रामीणों ने हर्ष फायरिंग में अजय की मौत का आरोप लगाकर शादी समारोह में हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो पता चला कि बारात में हर्ष फायरिंग तो हो रही थी, लेकिन अजय को हर्ष फायरिंग के दौरान गोली नहीं लगी है। उसको किसी ने हर्ष फायरिंग की आड़ में गोली मारी है। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम भेज दिया।

चार युवकों पर आरोप लगाया

परिजनों के मुताबिक अजय का चार मार्च को गांव के सुरेश से झगड़ा हो गया था। उनके बीच मारपीट होने पर सुरेश की ओर से मटरू और उनके बेटे विनोद व मुकेश आ गए थे। उन लोगों ने अजय को जान से मारने की धमकी दी थी। परिजनों का आरोप है कि सुरेश, मटरू और उनके बेटों ने अजय की हत्या की है। पुलिस ने उनकी तहरीर पर चारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है।

मां बनी बेटे की हत्या की चश्मदीद

अजय के घर न आने पर शिववती उसको ढूढ़ने के लिए निकली तो उसने देखा कि अजय लहुलूहान हालत में रोड पर पड़ा था, जबकि सुरेश नशे की हालत में तमंचा लिए वहां पर खड़ा था। उसके साथ मटरू और उसके बेटे भी थे। शिववती भागकर अजय के पास पहुंची, तो उसे देखते ही सुरेश और मटरू वहां से भाग गए।

तो तमंचा लोड करते समय चली गोली

कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अजय का सुरेश से झगड़ा तो हुआ था, लेकिन उनमें बाद में समझौता हो गया था। वे एक साथ खड़े बात कर रहे थे कि इसी बीच गोली चल गई और अजय को लग गई। उनका कहना है कि तमंचा लोड करते समय फायर हुआ है। सुरेश जान से मारने की नियत से फायर नहीं किया है।

Posted By: Inextlive