आप भी अगर साउथ इंडियन खाने के शौकीन हैं तो बेंगलुरु का ये स्टार्टअप अडुकले आपको देगा यहां के खाने का वो नैचुरल टेस्ट जो शायद आपने आज तक नहीं चखा होगा। इसका बड़ा कारण है कि संकेती कुजीन से बना पोहा उपमा सांभर चटनी आदि सभी कुछ साउथ के स्पेशल होम-मेड मसालों से तैयार किया गया है।


features@inext.co.inKANPUR: आप अगर ये सोच रहे हैं कि उपमा, सांभर, चटनी जैसी चीजें तो आपको अपने आसपास भी कई स्टोर्स में रेडी टू ईट पैक या किसी भी रेस्तरां में बनी बनाई भी मिल जाती हैं तो इसमें खास क्या है। आपको बता दें कि अडुकले अपने सभी साउथ स्पेशल प्रोडक्ट्स को संकेती टेस्ट में बनाता है। यही वजह है कि संकेती कुजीन वाले अडुकले के सारे एडिबल प्रोडक्ट्स स्वाद में डिफरेंट और लजीज होते हैं। अब अगर आप सोच रहे हैं कि ये संकेती कुजीन क्या है, तो आइए आपको देते हैं पहले इस बात का जवाब...क्या है संकेती कुजीन


संकेती समुदाय के लोग पहले केरल और तमिलनाडु के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते थे। इन्हीं की रसोई से निकला है ये खास संकेती कुजीन। अब यह बात भी शायद कम ही लोगों को पता हो कि हर प्रदेश यानी कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल सभी जगहों पर सांभर बनाने का तरीका अलग-अलग होता है, यानी उसमें पड़ने वाले मसाले वगैरह अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के तौर पर तमिलनाडु में ताजे मसालों से बना सांभर पाउडर, केरल में नारियल से बना और कर्नाटक में गुड़ के साथ सांभर को बनाया जाता है। ऐसे ही संकेती समुदाय में सांभर तैयार करने का अपना अलग तरीका है और यहां पर खास तरह के मसालों के साथ दालचीनी भी डाली जाती है। संकेती कुजीन में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु तीनों ही जगहों की झलक देखने को मिलती है और यही बात इसे खास बनाती है।ऐसे आया आइडियाअडुकले की को-फाउंडर मालती शर्मा कहती हैं कि शादी के बाद किचन में उनकी सास ने उन्हें सलीके और स्वाद के साथ खाना बनाने के कई राज बताए। वे कहती थीं, कि खाने के सामान में पड़ने वाली सारी चीजें ताजी होनी चाहिए और उनमें किसी भी तरह का प्रिजरवेटिव नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से आपकी डिश का असली जायका जिंंदा रहता है। मालती ने सिर्फ अपनी सास की बातों को माना और उन्हीं के हिसाब से खाना बनाया। उसका रिजल्ट ये मिला कि उनके बनाए खाने की दूर-दूर तक तारीफ होने लगी। तब जाकर उनको लगा कि क्यों न सास की सीख को दुनिया में एक पहचान दिलाई जाए। इस तरह यह आइडिया क्लिक किया।ऐसे बढ़ चले कदम आगे

अपने घर के ही किचन में मालती ने अपनी एक और सहयोगी नगरत्न के साथ मिलकर संकेती रसम पाउडर तैयार किया। घर में तैयार हुए इस पहले बैच की पैकेजिंग की गई और फिर इसे परिवारवालों और दोस्तों को बांटा गया। यह साल था 2009। धीरे-धीरे करीबी और जान-पहचान वालों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी।Success Story: फूड प्रोडक्ट्स की क्वालिटी पर होगी ऑनलाइन ऐप 'स्पेक्टर' की नजरविदेशों तक पहुंचायाहाथ के स्वाद को संकेती समुदाय की भाषा में अडुकले का मतलब होता है किचन। वहीं अब अडुकले की रेंज में कई रेडी टू ईट प्रोडक्ट्स (पोहा, उपमा, सांभर, चटनी), ब्लेंडेड मसाले (चटनी पाउडर आदि) और नमकीन शामिल हैं। ये प्रोडक्ट्स बेंगलुरु में ही 100 से ज्यादा आउटलेट्स पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा कंपनी यूएस और यूके के बाजारों तक अपने प्रोडक्ट्स पहुंचा रही है।Success Story: मेन्यू में किसी डिश का अजीब नाम सिर घुमा देता है, तो 'फीडोस' करेगा मदद

Posted By: Vandana Sharma