महमूद अली अपने ज़माने के मशहूर अभिनेता थे जिन्हें किंग ऑफ़ कॉमेडी का ख़िताब दिया गया. उनका जन्म 29 सितंबर 1932 में हुआ था. उन्होंने बहुत सी फिल्मों में काम किया.


उनकी यादगार फ़िल्मों में कुछ हैं- भूत बंगला, पड़ोसन, बॉम्बे टू गोवा, गुमनाम, कुँवारा बाप. उन्होंने लगभग सभी अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ काम किया.उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म सीआईडी से की. महमूद ने कई हास्य कलाकारों को फिल्मों में काम करने का मौका दिया. उनमें से एक हैं जूनियर महमूद.उन्होंने पांच साल की उम्र में ही जूनियर महमूद को अपना शिष्य बना लिया था. जूनियर महमूद कहते हैं, "महमूद बहुत ही अच्छे स्वाभाव के आदमी थे. वे अपने काम के लिए जाने जाते थे, उन्होंने अपनी ज़िंदगी में बहुत कुछ सहा."महमूद ने जूनियर महमूद को अपना नाम और पहचान दी. जूनियर महमूद बताते हैं कि किस तरह उस ज़माने के बड़े-बड़े अभिनेता महमूद से डरा करते थे.'अपना तरीक़ा, अपनी स्टाइल'
जूनियर महमूद बताते हैं कि महमूद ने सिर्फ़ हास्य कलाकार का रोल नहीं किया. उनकी सबसे यादगार फ़िल्म थी कुँवारा बाप, जिसमें उनकी असल ज़िंदगी की कहानी थी. उनका बेटा मकदूम अली, जिन्हें सब प्यार से मिक्की अली बोलते थे. वो पोलियो के शिकार हो गए. महमूद ने उनके इलाज के लिए क्या कुछ नहीं किया. उन्हें विदेश ले गए काफी पैसा खर्च किया, लेकिन फिर भी वो ठीक नहीं हो पाए तो उन्होंने अपना दुःख अपनी इस फ़िल्म में दिखाया.""यहाँ फ़िल्म बनाने का उनका सिर्फ़ एक ही उद्देश्य था कि उन जैसा अमीर आदमी भी अपने बेटे का इलाज करवाने के लिए मजबूर है, लेकिन उस ग़रीब बाप का क्या जिसके पास पैसे ही नहीं होते इलाज के लिए. इसलिए इन्होंने इस फिल्म में एक रिक्शे वाले का किरदार निभाया और ख़ुद उनके बेटे जिनकी उम्र लगभग 15 साल की होगी, उन्होंने भी अपने पिता के साथ काम किया और अपनी फ़िल्म के ज़रिए लोगों को पोलियो जैसी बीमारी से जागरूक करवाया. महमूद कई परिवार वालों की चोरी-छिपे मदद भी खूब किया करते थे. जिसे भी पैसों की ज़रूरत होती थी, उनके घर पैसे भिजवाते थे."महमूद के क़रीबी और आख़िरी वक़्त में भी उनके साथ रहने वाले हास्य कलाकार बीरबल कहते हैं, "उनकी और महमूद की सबसे पहली मुलाक़ात फ़िल्म 'बॉम्बे टू गोवा' में हुई थी. उन्होंने मुझे अपनी फ़िल्म में काम दिया था. वहीं से जो साथ काम करने सिलसिला शुरू हुआ, फिर बढ़ता ही गया. मैंने उनके साथ कई फिल्मों में काम किया. वे फ़िल्मो में अपने कई दृश्य ख़ुद ही लिखा करते थे."'हीरो से ज्यादा पैसे'


"मैंने महमूद जी के साथ एक फिल्म में काम किया था जिसका नाम था मैं सुंदर हूँ . उस फिल्म के हीरो विश्वजीत जी थे लेकिन उन्हें उस फिल्म में काम करने के लिए मिली थे दो लाख और महमूद जी को मिले थे आठ लाख. और तो और फिल्म हमजोली में जीतेंद्र जी थे हीरो लेकिन फिर भी महमूद जी को उनसे ज्यादा पैसे मिले."बीरबल जी कहते हैं, "महमूद जी से अच्छे- अच्छे अभिनेता भी डरा करते थे लेकिन खुद महमूद जी किशोर कुमार से डरा करते थे. मैंने एक बार उनसे पूछ था कि आप को किस अभिनेता की एक्टिंग से डर लगता है तो उन्होंने कहा कि मैं सभी अभिनेताओं की सीमा जानता हूँ कि कौन कितने पानी में है, लेकिन किशोर कुमार का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है. वो कभी भी कुछ भी कर जाते हैं अपने किरदार के साथ. फिल्म पड़ोसन में महमूद जी प्रोडूसर भी थे. उन्होंने किशोर कुमार और सुनील दत्त के साथ काम किया और वो फिल्म अपने आप में ही बहुत बड़ी सफल फिल्म रही."

Posted By: Subhesh Sharma