महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही उठापटक के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को 27 नवंबर को शाम पांच बजे फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया है।


कानपुर। महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही उथल-पुथल के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया। सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को कल शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट करने को कहा है। यही नहीं कोर्ट का यह भी आदेश है कि सारी प्रक्रिया का लाइव टेलिकाॅस्ट होगा और कोई भी सीक्रेट बैलेट नहीं किया जाएगा।पहले सभी विधायकों का शपथ ग्रहणसुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि फ्लोर टेस्ट से पहले सभी निर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराया जाए। इसके बाद ये विधायक फ्लोर टेस्ट में अपना मतदान करेंगे। प्रोटेम स्पीकर चुना जाएमहाराष्ट्र सरकार का फ्लोर टेस्ट प्रोटेम स्पीकर के सामने होगा। हालांकि अभी विधानसभा में कोई स्पीकर नियुक्त नहीं है। जबकि फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया स्पीकर के सामने ही होती है, ऐसे में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के बाद बहुमत परीक्षण किया जाएगा।फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने को दी गई थी चुनौती
न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने शनिवार को तड़के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के फैसले को चुनौती देने वाली तीन पक्षों की संयुक्त याचिका पर यह आदेश पारित किया। शपथ ऐसे समय में दिलाई गई जब सरकार गठन को लेकर तीन दलों के बीच विचार-विमर्श अंतिम चरण में पहुंच गया था। तिकड़ी द्वारा दायर तत्काल याचिका में तत्काल मंजिल परीक्षण करने के लिए दिशा-निर्देश मांगा गया। फ्लोर टेस्ट एक संवैधानिक तंत्र है जिसके तहत एक मुख्यमंत्री को राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा जा सकता है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari