सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के अयोग्य 17 विधायकों के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के स्पीकर के फैसले को बरकरार रखते हुए उनको विधानसभा उपचुनाव लड़ने की अनुमति दी। जानें क्या है पूरा मामला...


नई दिल्ली (पीटीआई)। कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) के 17 विधायकों को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अयोग्य विधायकों की याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा लेकिन उन्हें राज्य में 5 दिसंबर को उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। इससे अब ये विधायक अाराम से चुनाव लड़ सकते हैं। यहां 17 में से 15 सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। अयोग्यता अनिश्चितकाल के लिए नहीं
जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के फैसले को हम बरकरार रखते हैं लेकिन यह अयोग्यता अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकती है। अयोग्य विधायकों को उनका पक्ष रखने की अनुमति मिलना चाहिए। यह भी कहा कि अयोग्य विधायक मंत्री बन सकते हैं और सार्वजनिक पद पर आसीन हो सकते हैं। योग्य घोषित किए जाने को चुनौती दी थी


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और सदस्यों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर की शक्ति में हस्तक्षेप नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 विधायकों की ओर से दायर विभिन्न याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं में विधायकों ने तत्कालीन सीएम द्वारा सरकार द्वारा विश्वास मत कराए जाने से पहले उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने को चुनौती दी थी। 15 पर सीटों पर 5 दिसंबर को होंगे उपचुनाव विधायकों ने अपनी याचियकाओं में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए। इसके साथ ही यह भी कहा कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है लेकिन इस मामले में अध्यक्ष का प्रतिशोध दिखता है। 17 विधानसभा सीटों में से 15 पर बायपोल 5 दिसंबर को कराए जाएंगे। 11 नवंबर से 18 नवंबर के बीच उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

Posted By: Shweta Mishra